मंगलवार 22 जुलाई 2025 - 20:11
दीनी सवालात और शंकाओं के जवाब देने के तरीकों को अपडेट किया जाए

हौज़ा / हौज़ा एल्मिया की उच्च परिषद के सदस्य ने राष्ट्रीय धार्मिक प्रश्न केंद्र के उत्तरदाता विभाग के प्रचार-प्रसार और जवाब देने के तरीकों में नवीनता लाने तथा उन्हें अपडेट करने पर ज़ोर दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , जामिया मदर्रिसीन हौज़ा एल्मिया क़ुम के सदस्य आयतुल्लाह मोहसिन अराकी ने इस्लामी प्रचार कार्यालय हौज़ा एल्मिया क़ुम के धार्मिक प्रश्नों के उत्तर देने वाले राष्ट्रीय केंद्र के प्रमुख और प्रबंधकों से मुलाकात में इस केंद्र के प्रयासों की सराहना करते हुए लोगों से संपर्क के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। 

उन्होंने कहा, वर्तमान दौर में जहाँ शंकाएँ अभूतपूर्व गति और विविधता के साथ सामने आ रही हैं, राष्ट्रीय धार्मिक प्रश्न केंद्र एक गंभीर ज़िम्मेदारी का वाहक है और आपका संस्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और बड़ा कार्य कर रहा है। 

हौज़ा ए एल्मिया की उच्च परिषद के सदस्य ने हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की उस हदीस का हवाला दिया कि आपने एक व्यक्ति के दस लगातार प्रश्नों का सुंदर और स्पष्ट तरीके से उत्तर दिया और जवाब देने की कला में महारत के महत्व को याद दिलाया। 

उन्होंने शिया परंपरा में धार्मिक प्रश्नों के उत्तर देने के इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा,दर राह-ए हक़ मकतब-ए तशय्यु", "मकतब-ए इस्लाम", "इंतिशारात-ए नस्ल-ए जवान" और "जवाब-अल-मसाइल-अद-दीनीय्या" जैसी संस्थाएँ इस क्षेत्र में अग्रणी रही हैं और उन्होंने मूल्यवान सेवाएँ प्रदान की हैं। 

हौज़ा एल्मिया क़ुम में फ़िक़्ह और उसूल के दरूस-ए ख़ारिज के शिक्षक ने उत्तरदाता के प्रशिक्षण और "जवाबदेही" की संस्कृति के प्रसार पर ज़ोर दिया और कहा,राष्ट्रीय धार्मिक प्रश्न केंद्र को अपने मूल कर्तव्य यानी जवाबदेही के साथ-साथ समाज में नकारात्मक रूप से गलत रुझानों और बिदअतों का मुकाबला करना चाहिए और सकारात्मक रूप से महत्वपूर्ण समकालीन मुद्दों, जिसमें सामाजिक शिष्टाचार भी शामिल है, पर ध्यान देना चाहिए तथा जवाब देने के तरीकों को लगातार अपडेट करना चाहिए।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha