सोमवार 3 नवंबर 2025 - 11:09
फातेमा ज़हरा की अज़मत और मुकाम की रक्षा दर हकीकत असल इमामत का दिफा है

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया ईरान की उच्च परिषद के उप महासचिव ने कहा,शिया अपनी सभी विशेषताओं में इमामत प्रणाली का ऋणी है और फातिमा की महानता वास्तव में इमामत के सिद्धांत का बचाव है जो शिया की पहचान है, इसलिए हम कभी भी फातमीया से दूर नहीं होना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हौज़ा ए इल्मिया ईरान की उच्च परिषद के उप महासचिव आयतुल्लाह हाज़ शेख जावाद मरवी ने हज़रत फातेमा जहरा सल्लल्लाहु अलैहा की शहादत के दिनों की शुरुआत में फिक़्ह (इस्लामी न्यायशास्त्र) के पाठ के अंत में कहा,फातेमा और हज़रत सिद्दीक़ा ताहिरा सल्लल्लाहु अलैहा की शहादत के अवसर पर इन दिनों की फ़ज़ीलत और पद की ओर ध्यान रखना चाहिए।उन्होंने आगे कहा, शिया की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इमामत प्रणाली है।

हुज्जतुल इस्लाम मरवी ने कहा,मकतब ए तशय्यु की अपनी विशेष पहचान है। हर दिन होने वाली घटनाओं के कारण इस मकतब की ओर दुनिया की विशेष ध्यान बढ़ रहा है और विभिन्न सवाल उठ रहे हैं कि मकतब-ए-तशय्यु की कौन सी विशेषताएं हैं जिनकी वजह से उसे यह सफलताएं प्राप्त हुईं?

उन्होंने कहा, पिछले एक साल के दौरान और बारह दिन के युद्ध के बाद पूरी दुनिया में, दक्षिण पूर्वी एशिया, अरब देशों, यूरोप, ओशिनिया हर जगह यह सवाल उठ रहा है कि इस मकतब की कौन सी विशेषताएं हैं जिनकी वजह से इसने महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं?

हौज़ा ए इल्मिया ईरान की उच्च परिषद के उप महासचिव ने आगे कहा, इसका जवाब एक शब्द में यह है कि शिया इन सभी विशेषताओं में इमामत प्रणाली का ऋणी है और फातिमा (स.ल.) की महानता वास्तव में इमामत के सिद्धांत का बचाव है जो शिया की पहचान है।

इसलिए हमे कभी भी फातमीया से दूर नहीं होना चाहिए क्योंकि फातमीया (स.) शिया की सबसे बड़ी सफलता यानी इमामत को केंद्रित और मजबूत करती है।

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