हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिब्रू भाषा के अखबार येदियोत अहरोनोट की रिपोर्टों के मुताबिक, सियोनीस्ट शासन के विदेश मंत्रालय ने यह स्वीकार किया कि इस आपराधिक शासन की स्थापना के बाद से अब तक मीडिया में इज़राइल के बारे में इस तरह का अलगाव कभी नहीं देखा गया।
इस शासन ने यह भी बताया कि हमारी कूटनीतिक संरचना ऐसी है कि अब हम इज़राइल के खिलाफ वैश्विक स्तर पर हो रहे खुलासों की लहर का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं।
इस मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वास्तव में ऐसा लगता है कि दुनिया भर में हमारे दूतावास हार मान चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार, वैश्विक मीडिया में इज़राइल की कमजोर स्थिति और बिगड़ी है, खासकर निर्दोष गाजा के लोगों के नृशंस नरसंहार और नाकाबंदी के बाद।
गाजा पर इज़राइली हवाई हमलों की भयावह तस्वीरें, वृत्तचित्र रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शी खबरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा की लहर पैदा कर दी है और सियोनीस्ट शासन को मानवाधिकार उल्लंघनकर्ता की स्थिति में ला खड़ा किया है।
इस संदर्भ में चार अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों ने इज़राइल की कार्रवाइयों के खिलाफ एक संयुक्त बयान जारी किया। इस बयान में गाजा पट्टी में स्वतंत्र पत्रकारों की चिंताजनक स्थिति की समीक्षा की गई और इन मीडिया संस्थानों ने कहा,हमारे पत्रकार अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं वे महीनों से गाजा में दुनिया की आंखें और कान रहे हैं।
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