हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हमादान के इमाम जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन शाबानी ने ईद-ए-ग़दीर और अरबर्ईन हुसैनी के मौकिबदारान के सम्मान और सराहना के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में ज़ायरीन-ए-अरबर्ईन की सेवा के महत्व की ओर इशारा करते हुए कहा,मौकिब (सेवा शिविरों) में सेवा करना एक ईश्वरीय अनुग्रह (तौफ़ीक़) है जिसकी सराहना आवश्यक है।
उन्होंने ख़ादिम-ए-अहले बैत (अ) के उच्च दर्जे को याद दिलाते हुए कहा,अहले बैत (अ) इन सभी मौकिबदारान की सेवाओं का प्रतिफल अवश्य प्रदान करेंगे और यह प्रयास कभी भी व्यर्थ नहीं जाएंगे।
ईरान के हमादान प्रांत में वली-ए-फकीह के प्रतिनिधि ने कहा, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य कभी भी समाप्त होने वाले नहीं हैं। भले ही अरबर्ईन हुसैनी के अवसर पर ज़ायरीन की सेवा के संबंध में लगाए गए मौकिब उठा लिए जाएँ, लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को और अधिक शक्ति के साथ जारी रहना चाहिए।
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