सोमवार 8 सितंबर 2025 - 23:01
इस्लामी मुल्कों के बीच व्यावहारिक एकता की ज़रूरत/ हज़रत रसूल ए अक़रम स.ल.व. ने विभिन्न क़ौमों को आपस में एकजुट किया

हौज़ा / इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पिज़िश्कयान ने 39वीं अंतरराष्ट्रीय एकता सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा,दुश्मन इस्लामी देशों को हथियार बेचता है उनके संसाधनों को लूटता है और चाहता है कि हम आपस में लड़ें। हम किसी मुस्लिम देश से झगड़ा नहीं करना चाहते, मतभेद के इच्छुक नहीं हैं और उम्मत ए इस्लामी की एकता के प्रति वफादार हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , 39वें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक एकता सम्मेलन, जिसमें 80 प्रतिष्ठित विद्वान, 210 अतिथि और इस्लामी दुनिया के 2800 सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया और जो पैगंबर स.अ.व.व.के जन्मदिन के 1500वें वर्षगांठ के अवसर पर हज़रत पैगंबर और इस्लामी उम्माह" के नारे के साथ आयोजित किया गया था, आज 08 सितंबर 2025 को समिट हॉल में शुरू हुआ।

इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के राष्ट्रपति ने उद्घाटन भाषण में कहा,पैगंबर मुहम्मद स.अ.व.व.का मदीना में प्रवेश करने के बाद पहला कदम मुसलमानों के बीच भाईचारा स्थापित करना था। इसी तरह जब आप मक्का में पहुंचे, तो आपने ऊंची आवाज़ में घोषणा की कि सभी मुसलमान भाई हैं और सभी एक हाथ की तरह हैं।

उन्होंने कहा,अगर हम मुसलमान वास्तव में एक हाथ की तरह होते, तो हम 72 संप्रदायों में विभाजित नहीं होते। अगर हम मतभेदों को छोड़कर व्यावहारिक रूप से एकजुट हो जाएं, तो वैश्विक अहंकार हम पर शासन नहीं कर पाएगा।

इस्लाम के दुश्मन इस्लामी देशों को हथियार बेचते हैं ताकि वे आपस में लड़ें और वे उनके संसाधनों को लूट सकें। अगर अमेरिका इस्लामी देशों को हथियार देता है तो इसका उद्देश्य केवल उनके बीच मतभेद पैदा करना है।

डॉ. मसूद पिज़ेश्कियान ने कहा, दुश्मन ऐसे मानवाधिकारों की बात करता है जो बच्चों और बीमारों पर दया नहीं करते और नरसंहार करते हैं। दुश्मन इस्लामी देशों को हथियार बेचता है, उनके संसाधनों को लूटता है और हमें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहता है। हम किसी मुस्लिम देश से लड़ाई नहीं चाहते, मतभेद नहीं चाहते और इस्लामी उम्माह की एकता के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

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