हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यमनी सशस्त्र बलों ने एक आधिकारिक बयान में घोषणा की है कि चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद अब्दुल करीम अल-गमारी कब्जाधारी इजरायली आक्रमण के खिलाफ रक्षात्मक कार्रवाइयों के दौरान शहीद हो गए हैं।
बयान में कहा गया है कि शहीद अल-गमारी ने अपनी जान जिहाद और धर्म की सेवा में कुर्बान कर दी और वह कुद्स (येरुशलम) के महान शहीदों के काफिले में शामिल हो गए।
यमनी बलों ने शहादत पर राष्ट्र को संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद अल-गमारी एक बहादुर, ईमानदार और जिम्मेदार कमांडर थे, जिन्होंने युद्ध के मैदान में नेतृत्व का फर्ज निभाया। उनकी शहादत के बावजूद यमनी सैन्य प्रणाली, मिसाइल और ड्रोन हमले किसी भी तरह प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि दुश्मन के खिलाफ कार्रवाइयाँ और तेज होंगी।
बयान में आगे कहा गया है कि इजरायली दुश्मन के साथ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और अल्लाह के कृपा से उसे अपने अपराधों की सजा जरूर मिलेगी।
यमनी बलों ने स्पष्ट किया कि शहीदों का रास्ता किसी एक की शहादत से खत्म नहीं होता, बल्कि यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाला एक मिशन है, जिसे हर युग के योद्धा आगे बढ़ाते रहेंगे।
यमनी सेना ने इस अवसर पर अपने संकल्प की पुनः पुष्टि करते हुए कहा कि हम शहीदों के खून से वफादारी का वादा करते हैं और उनकी जिहादी जीवन हमारे लिए मशाल का काम करेगी। हम अपने वादे पर कायम, अपने संकल्प पर डटे रहेंगे और अपने रास्ते पर चलते रहेंगे, जब तक कि अल्लाह हमें पूरी जीत नहीं दे देता।
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