हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , शेख नईम कासिम ने कहा कि अमेरिका का हस्तक्षेप लेबनान और पूरे इलाके के लिए तबाही लाने वाला है क्योंकि इसके नतीजे में हत्याएं और नरसंहार हो रहा है। नईम कासिम के मुताबिक अमेरिका लेबनान और इस इलाके में जो भूमिका निभा रहा है, वह असल में इस बात का सबूत है कि वह अपनी विस्तारवादी नीति के लिए नरसंहार की अगुवाई कर रहा है।
उन्होंने कहा कि नेतन्याहू "ग्रेटर इस्राइल" का मंसूबा पेश कर रहा है जो दरअसल "ग्रेटर अमेरिका" के फायदे के लिए है और दुनियाभर में ट्रम्प जैसे लोगों की हरकतें इसी सोच को दिखाती हैं।
शेख नईम कासिम ने कहा कि लेबनान न तो इस्राइल को उसकी मर्जी के मुताबिक कुछ दे सकता है और न ही अमेरिका उस पर कुछ थोप सकता है, क्योंकि लेबनान के लोग इज्जतदार, जागरूक और कुर्बानी देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे मुकाम पर हैं जहां दर्द भी है और उम्मीद भी, क्योंकि इस्राइल अपने मकसद तक नहीं पहुंच सका है और भविष्य में भी नहीं पहुंच पाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि लेबनान को इज्जतदार, आत्मनिर्भर और ताकतवर बने रहना चाहिए, क्योंकि इस्राइल न तो किसी समझौते पर अमल करना चाहता है और न ही जंग का खात्मा। उन्होंने साफ किया कि जो लोग सोचते हैं कि हिज़्बुल्लाह को बे-हथियार करना लेबनान की मुश्किलों का हल है, वह बहुत बड़ी गलती पर हैं क्योंकि हिज़्बुल्लाह के हथियार लेबनान की ताकत का हिस्सा हैं, और दुश्मन यही नहीं चाहता कि लेबनान मजबूत हो।
नईम कासिम ने कहा कि अमेरिका अब यह कोशिश कर रहा है कि जो कुछ इस्राइल जंग के जरिए हासिल नहीं कर सका उसे राजनीतिक रास्ते से हासिल करे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमें धमकाना बेअसर और बेकार है, और अगर कोई समझौता होगा तो लेबनान भी उसका पालन करेगा, लेकिन सारे दबाव और राजनीतिक चालें सिर्फ समय बर्बाद करने के बराबर हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नेतन्याहू दुनियाभर में नरसंहार के ऐलान तो कर सकता है, मगर इस्राइल के भविष्य के स्थिरता की बात नहीं कर सकता।
शेख नईम कासिम ने अमेरिकी सरकार और उसके प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, लेबनान को धमकाकर उसकी ताकत छीनने और उसे इस्राइल के मंसूबे का हिस्सा बनाने की कोशिशें बंद करें। लेबनान में अमन तभी मुमकिन है जब इस्राइल को रोका जाए।
उन्होंने कहा कि ट्रम्प का शर्म अश-शेख में दिया गया अमन का एहसास दरअसल धोखा है, वह अमन नहीं बल्कि कब्जे का इशारा है।
लेबनानी अधिकारियों से बात करते हुए नईम कासिम ने कहा,आप मुल्क की आत्मनिर्भरता के जिम्मेदार हैं। आपको लेबनान के फायदे में सही फैसले और फिर से बनाने के ठोस कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि लेबनान के सेंट्रल बैंक के प्रमुखों को नागरिकों पर आर्थिक दबाव डालने का हक नहीं है, और सरकार को उनके खिलाफ कदम उठाने चाहिए। इसी तरह न्याय मंत्री को अमेरिकी-इस्राइली एजेंट बनकर नागरिकों पर पाबंदियां लगाने का हक नहीं है।
उन्होंने सवाल उठाया,क्या लेबनान अमेरिकी जेलखाना है? क्या हमारे मंत्री और अधिकारी अमेरिकी सरकार के अधीन हैं?
अंत में नईम कासिम ने साफ शब्दों में कहा,हम हरगिज यह कबूल नहीं करेंगे कि लेबनान किसी का गुलाम या जेलखाना बने। सभी अधिकारियों को लेबनानी सरकार के अधीन रहकर सिर्फ जनता के फायदे में काम करना चाहिए।
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