हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, बसीज फातिमिया अजुमन-ए-साहिबुज़-ज़मान के तहत विलादत-ए-बासआदत-ए-हज़रत ज़ैनब सल्लल्लाहु अलेहिया और यौम-ए-नर्स के मौके पर तयसूरो, राज्य अलिय (सतान-ए-आलिया) में एक गरिमामय सभा का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने भरपूर हिस्सा लिया।

महफ़िल की शुरुआत तिलावत-ए-क़लाम-ए-पाक और हदीस-ए-कुसा से हुई।
महफ़िल में सुश्री शहर मोहम्मदी, सुश्री फिज़्ज़ा अजीज़ा, सुश्री अर्चू मानसूरा और सुश्री सय्दा रिज़वी मौजूद थीं।
सुश्री सय्दा रिज़वी ने हज़रत ज़ैनब सल्लल्लाहु अलेहिया के ख़ुत्बा-ए-ज़ैनबिया को प्रस्तुत किया, जिसका बलती भाषा में अनुवाद बल्तिस्तान के मशहूर आलिम-ए-दीन हुज्जतुल इस्लाम आगा सय्यद अतहर मूसवी ने किया।
सुश्री फिज़्ज़ा अजीज़ा ने हज़रत ज़ैनब सल्लल्लाहु अलेहिया की पवित्र ज़िंदगी पर विस्तार से रोशनी डाली, जबकि सुश्री शहर मोहम्मदी ने हज़रत के कारकिर्दगी को कर्बला से शाम तक बड़े प्रभावशाली अंदाज़ में बयान किया।

उन्होंने कहा कि हज़रत ज़ैनब सल्लल्लाहु अलेहिया का किरदार दुनिया भर की इंसानियत के लिए मशअल-ए-राह है और हमें उनके नक्श-ए-कदम पर चलने की कोशिश करनी चाहिए। दुआओं के साथ यह महफ़िल समाप्त हुई।
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