हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मलेशिया के प्रधानमंत्री ने गज़्ज़ा और फ़िलिस्तीनी मुद्दे पर अपने देश की एक जैसी स्थिति पर ज़ोर देते हुए घोषणा की है कोई भी योजना या समझौता जो फ़िलिस्तीनी लोगों के पूरे अधिकारों की गारंटी नहीं देता,उस से कोई भी समझौता नामुमकिन है।
अनवर इब्राहिम ने रिपोर्टरों को दिए एक बयान में कहा, इंटरनेशनल कम्युनिटी को उन योजनाओं के खिलाफ़ एक साफ़ और निर्णायक तरीका अपनाना चाहिए जो असल में फ़िलिस्तीनी अधिकारों को कमज़ोर करने और खत्म करने की ओर ले जाती हैं।
उनके अनुसार, ज़ायोनी शासन के हमले को खत्म करना और वेस्ट बैंक में बसाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से रोकना किसी भी सही और स्थायी समाधान तक पहुँचने के लिए दो ज़रूरी शर्तें हैं।
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने आगे कहा,उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मीटिंग में सीधे तौर पर यह साफ़ स्थिति बताई। उन्होंने कहा कि यह रुख मलेशिया में फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का पूरा समर्थन करने की ज़रूरत पर राजनीतिक आम सहमति को दिखाता है।
अनवर इब्राहिम ने यह भी कहा कि 1967 की सीमाओं पर आधारित एक आज़ाद फ़िलिस्तीनी देश की स्थापना, जिसकी राजधानी पूर्वी येरुशलम हो, फ़िलिस्तीनी लोगों की तकलीफ़ खत्म करने और इस इलाके में सच्ची और पक्की शांति पाने का एकमात्र तरीका है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कोई भी प्लान जो इन बुनियादी सिद्धांतों को नज़रअंदाज़ करता है, वह न केवल समाधान नहीं है, बल्कि इससे मिडिल ईस्ट में संकट और अस्थिरता और भी गहरी हो सकती है।
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