गुरुवार 28 अगस्त 2025 - 19:22
कोई भी ताकत धर्मों जैसी नहीं जो अपनी आवाज़ एकजुट करके समाजों के दिलों में शांति भर सके

हौज़ा / मलेशिया में धार्मिक नेताओं के सम्मेलन के दौरान मज्मा ए जहानी फ़िक़्ह मे ईरान के प्रतिनिधि ने कहा: "कोई भी ताकत धर्मों की तरह लोगों के दिलों में शांति और सुकून भरने की क्षमता नहीं रखती।"

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अहमद मुबल्लेगी ने मलेशिया के क्वालालंपुर शहर मे दूसरे अंतरराष्ट्रीय धार्मिक नेताओं के सम्मेलन मे इस बात पर ज़ोर दिया कि धार्मिक नेताओं का समन्वय संकटों से निपटने में बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों का समाधान केवल स्थायी शांति और भरोसे से संभव है, और कोई भी ताकत धर्मों जैसी नहीं जो अपनी आवाज़ एकजुट करे और समाजों के दिलों में शांति भर सके।

अहमद मुबल्लेगी ने कहा कि संघर्ष खत्म करने के लिए चार सिद्धांत जरूरी हैं: न्यायसंगत समाधान के लिए कार्य करना, शांति और सद्भाव की संस्कृति बढ़ावा देना, अन्याय के कारणों से लड़ना और मौजूद अन्याय को खत्म करना। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग़ज़्ज़ा के लोग जो अत्याचार सह रहे हैं, उन्हें न्याय दिलाना धर्मों की एक गंभीर जिम्मेदारी है।

इस सभा में वक्ताओं ने विवादों के समाधान में धर्मों की अहम भूमिका, उनके कारणों की जांच और समाधान के साथ-साथ सहअस्तित्व की जरूरत पर जोर दिया।

बताया गया कि मज्मा ए जहानी फ़िक़्ह मे  ईरान के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अहमद मुबल्लेगी इस सम्मेलन में आयोजित दूसरे वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसका विषय था "विवादों और हिंसा को खत्म करने में धार्मिक नेताओं की भूमिका।"

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