हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. का जीवन एक ऐसा प्रकाश है जो समय बीतने के साथ मद्धम नहीं होता, बल्कि हर युग की महिला का मार्गदर्शन करता है। आपके चरित्र में प्रेम भी है, धैर्य भी है, बलिदान भी है और सबसे बढ़कर एक माँ के रूप में उच्चतम शिक्षा का नमूना भी है। जनाब उम्मुल बनिन स.ल.ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम के घर में कदम रखते ही अपने नैतिकता, धैर्य और जिम्मेदारी की भावना से यह सिद्ध कर दिया कि एक महिला का असली सौंदर्य उसका चरित्र होता है।
आपने सबसे पहले अहल-ए-बैत अलैहिमुस्सलाम का सम्मान सिखाया। अपनी संतान को इमाम-ए-वक़्त के लिए तैयार करना, यही जनाब उम्मुल बनीन (स.ल.) की महानता है। अल्लाह ने आपको चार बेटे प्रदान किए, लेकिन आपने कभी भी उन्हें छोटे-मोटे दुनियावी उद्देश्य के लिए नहीं पाला। बल्कि आपने हमेशा अपनी संतान की एक ही उद्देश्य पर शिक्षा दी: इमाम-ए-वक़्त के प्रति वफादार रहना। तुम्हारे जीवन का असली उद्देश्य इमाम-ए-वक़्त की सहायता, सत्य का समर्थन और धर्म की सेवा करना है।
यह शिक्षा केवल मौखिक नहीं थी, बल्कि आपने अपने पूरे जीवन में वफादारी, आदर, धर्म-निष्ठा और कुर्बानी के वे सिद्धांत अपनाए जिन्होंने आपके घर के माहौल को नूरानी बना दिया। इसी शिक्षा का परिणाम था कि आपके बेटे कर्बला में ऐसी वफादारी की मिसाल बने कि आज तक इतिहास उनकी महानता का वर्णन करता है।
हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. के चरित्र से यह बात स्पष्ट होती है कि यदि एक माँ सच्ची नीयत, पवित्र सोच और उच्च उद्देश्य के साथ बच्चों की शिक्षा दे, तो वह न केवल अपने घर को, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के रास्ते भी रौशन कर देती है।
हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. ने अपने बेटों के दिलों में यह बात मजबूती से बैठा दी कि,सत्य के लिए खड़े रहना सम्मान है।इमाम की वफादारी सबसे बड़ी सफलता है।धर्म के सिद्धांत जीवन की नींव हैं।सेवा और कुर्बानी ही जीवन का असली सौंदर्य है।
हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. का चरित्र हमें यह बताता है कि माँ की शिक्षा का दायरा केवल घर तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह पूरी उम्मत के भविष्य पर प्रभाव डालती है। हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. ने अपनी संतान को दुनियावी नहीं, बल्कि आसमानी उद्देश्य के लिए तैयार किया। इसी कारण उनका चरित्र आज भी जीवित है और हमेशा जीवित रहेगा।
निःसंदेह, हज़रत उम्मुल बनीन स.ल. हर युग की महिला के लिए अनुकरणीय आदर्श हैं, विशेष रूप से इस बात में कि अपनी संतान को इमाम-ए-वक़्त और सत्य के मार्ग के लिए तैयार किया जाए।
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