हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद अपनी विज्ञान और तकनीक में लगातार प्रगति करके दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। विदेशी विशेषज्ञ और कार्यकर्ताओं ने ईरान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा है कि, देश ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
ईरान के मेडिकल उपकरण उद्योग देश के अस्पतालों की 85 प्रतिशत से अधिक जरूरतें पूरी करती है और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी सक्रिय है। ईरानी निर्मित उपकरण अब पांच महाद्वीपों के 60 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं।
शुरुआत में, ईरान ने बुनियादी मेडिकल उपकरणों और उपभोग्य वस्तुओं जैसे सर्जिकल टूल्स, अस्पताल के बिस्तर, सीरिंज और स्टेरिलाइजेशन उपकरणों का उत्पादन आत्मनिर्भरता तक पहुँचाया।
इसके बाद, उन्नत इलेक्ट्रोमेडिकल उपकरणों जैसे वाइटल साइन मॉनिटर, अल्ट्रासाउंड मशीन, ईसीजी, एनेस्थीसिया मशीन और नवजात इन्क्यूबेटर का निर्माण शुरू किया गया। आज देश में ICU और ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों का स्थानीय उत्पादन 85 प्रतिशत से अधिक हो चुका है।
सबसे बड़ी उपलब्धि उन्नत डायग्नोस्टिक और उपचार उपकरणों का स्थानीयकरण है। अब ईरानी इंजीनियर MRI मशीन (1.5 टेस्ला), CT-स्कैन, डिजिटल रेडियोग्राफी, लीनियर एक्सेलेरेटर और डायलिसिस मशीनों को डिज़ाइन और उत्पादन कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद ईरान ने विज्ञान, तकनीक और स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
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