अजादारी मोहर्रम (6)
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हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने खून से इस्लाम की सिंचाई की, पीर महफूज़ मशहदी
हौज़ा/जमीयतुल उलेमा-ए-पाकिस्तान के केंद्रीय अध्यक्ष सवाद आज़म ने कहा कि हुसैनी सोच सच्चाई पर कायम रहना और अल्लाह के रास्ते में अपनी जान कुर्बान करना सिखाती है।अपने अधिकारों के लिए और अल्लाह…
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कर्बला सच और झूठ की लड़ाई जो आज भी जारी है मौलाना सैय्यद हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा/कर्बला को केवल 61हिजरी तक सीमित करना अस्वीकार्य है।आज भी है कर्बला, बस ज़माने के तानाशाह को पहचानना है, जो कर्बला का संदेश है।
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आशूरा के दिन इमाम हुसैन (अ.स.) के सब्र पर फरिश्ते भी हैरान थे,आयतुल्लाह उज़्मा मज़ाहेरी
हौज़ा/आयतुल्लाह उज़्मा मज़ाहेरी ने कहां, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनकी कर्बला से हमें यह दरस मिलता है कि हम जिंदगी में सब्र के दामन को अपने हाथ से ना जाने दे क्योंकि खुदा की आतअत के लिए भी तो…
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आज के हालात में इमाम हुसैन के जीवन का अनुसरण करने में ही इस्लामी दुनिया की शान और राज है।अल्लामा हसन ज़फर नक़वी
हौज़ा/ इस्लाम और मुसलमान पर कुफ्र और शिरक ताकतें हर तरफ से हमला कर रही हैं, हम को एकजुट होकर मुकाबला करने की ज़रूरत है।
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:दिन की हदीस
मोहर्रम और अहलेबैत अलैहिस्सलाम
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे मोहर्रम में इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के मामूलात की तरफ इशारा किए हैं।
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ज़िक्र अहले बैत अ.स. ज़िक्रे खुदा है, हमारे बच्चे इस हकीकत को समझे म्यूज़िक रूह का भोजन नहीं है। अल्लामा शहंशाह हुसैन नक़वी
हौज़ा/ कर्बला वाले हमें अल्लाह से करीब करने वाले लोग हैं यह वह शख्सियत है जो अल्लाह के करीब होने का बहुत बड़ा ज़रिया और वसीला है।