۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
محفوظ مشہدی

हौज़ा/जमीयतुल उलेमा-ए-पाकिस्तान के केंद्रीय अध्यक्ष सवाद आज़म ने कहा कि हुसैनी सोच सच्चाई पर कायम रहना और अल्लाह के रास्ते में अपनी जान कुर्बान करना सिखाती है।अपने अधिकारों के लिए और अल्लाह के लिए दुनिया भर में प्रतिरोध आंदोलन कर्बला को अपना आइडियल मानते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , लाहौर पाकिस्तान,जमीयतुल  उलेमा-ए-पाकिस्तान के केंद्रीय अध्यक्ष सवाद आज़म ने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की कुर्बानी के ज़रिए इस्लाम की आबयारी हुई अपने खानदान और परिवार के साथ वह तरह-तरह की मुश्किलात का सामना किए और अपने नाना के दीन को मिटने नहीं दिए, हुसैन ने दीन को बचाने के लिए जो कुर्बानी दी है यह हुसैन की मां फातिमा ज़हेरा के दूध का असर है जो हुसैन ने इस्लाम की लाज बचा ली,
अहले सुन्नत दारुल उलूम मोहम्मदिया नूरिया रिज़विया में इमाम हुसैन के धिकार समारोह को संबोधित करते हुए कहां,
हुसैनी का विचार सत्य पर अड़े रहना और अल्लाह के मार्ग पर अपनी जान कुर्बान करना सिखाता है।
हुसैनी सोच सच्चाई पर कायम रहना और अल्लाह के रास्ते में अपनी जान कुर्बान करना सिखाती है।अपने अधिकारों के लिए और अल्लाह के लिए दुनिया भर में प्रतिरोध आंदोलन कर्बला को अपना आइडियल मानते हैं।
इमामे हुसैन ने दीन ए इस्लाम के रास्ते में अपनी कुर्बानी पेश करके खुदा की मर्जी को खरीद लिए और जन्नत के सरदार बन गए, इस्लाम आज भी हुसैन के नारों में जिंदा है

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