अहकामे शरई (97)
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धार्मिकशरई अहकाम । कुरान की झूठी कसम खाना
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी ने "कुरान की झूठी कसम खाना" से संबंधति एक सवाल का जवाब दिया गया है।
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धार्मिकशरई अहकाम । व्यापार में हलाल और हराम मसाइल को सीखने का महत्व
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी ने "व्यापार में हलाल और हराम मसाइल सीखने के महत्व!" से संबंधित एक सवाल का जवाब दिया गया है।
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शरई अहकामः
धार्मिकना महरम से हाथ मिलाने का हुक्म
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने "ना-महरम लोगों से हाथ मिलाने के हुक्म" के बारे में एक सवाल का जवाब दिया है।
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शरई अहकामः
धार्मिकक़ुरआन की आयतों या असमा ए मुबारेका वाली अंगूठी के साथ हमाम या शौचालय में जाने का हुक्म
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने "क़ुरआन की आयतों या असमा ए मुबारेका वाली अंगूठी के साथ हमाम या शौचालय में जाने" के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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शरई अहकामः
धार्मिकऐसे घर के ख़ुम्स का हुक्म जिसकी मनुष्य को आवश्यकता है
हौज़ा / इस्लामिक क्रांति के नेता ने ऐसे घर के लिए ख़ुम्स के हुक्म का वर्णन किया है जिसकी व्यक्ति को आवश्कता है।
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शरई अहकामः
धार्मिक अय्याम-ए-फातिमिया (स) के रूप में कौन सा दिन मनाया जाना उपयुक्त है?
हौज़ा / इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने "अय्याम ए अज़ा ए हज़रत ज़हरा (स) के हुक्म का वर्णन किया है।
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शरई अहकामः
धार्मिकगर्भ मे (लड़का या लड़की) के लिंग का निर्धारण करना
हौज़ा / इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने "गर्भ मे (लड़का या लड़की) के लिंग का निर्धारण" के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर दिया है।
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शरई अहकामः
धार्मिकमृतक के शरीर के अंगों को जरूरतमंद मरीजों को दान करना!
हौज़ा/ सर्वोच्च क्रांति के नेता ने एक सवाल के जवाब में मृतक के शरीर के अंगों को जरूरतमंद मरीजों को दान करने के बारे में बताया।
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शरई अहकामः
धार्मिकनमाज़ के कलमात अदा करने की कैफ़ीयत
हौज़ा / नमाज़ में यह अनिवार्य है कि कलमात को इस तरह से पढ़ा जाए कि इसे पाठ कहा जा सके, इसलिए कलमात को दिल में पढ़ना या बिना उच्चारण के केवल होंठ हिलाना पर्याप्त नहीं है। पढ़ने की निशानी यह है…
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शरई अहकामः
धार्मिकपुरुषों के लिए अहले-बैत (अ) की मजलिस में गैर-महरम महिलाओं के रोने की आवाज सुनने का क्या हुक्म है?
हौज़ा | जब तक इसमें कोई बुराई या भ्रष्टाचार न हो तब तक इसमें कोई बुराई नहीं है।
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शरई अहकामः
धार्मिकक्या मजलिस मे मरसिया और नौहा पढ़ रही औरत के लिए यह जायज़ है कि वह अपनी आवाज़ किसी ग़ैर मर्द को सुनाए? और क्या किसी पुरुष के लिए इसे सुनना जायज़ है?
हौज़ा / यदि आवाज़ में सूक्ष्मता, सुंदरता, संरचना और उत्तेजना नहीं है, तो एक महिला के लिए अपनी आवाज़ सुनाना जायज़ है, हालांकि, एक पुरुष के लिए उसकी आवाज़ सुनना जायज़ है जब वह कामुक नहीं हो
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शरई अहकामः
धार्मिकक्या मजलिसो मे ``या अली मदद'' कहना या ``नारा ए हैदरी'' लगाना जायज़ है?
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी से पूछा गया सवाल और उसका जवाब: क्या मजलिसो में "या अली मदद" कहना या "नारा ए हैदरी" लगाना जायज़ है?
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शरई अहकामः
धार्मिकदूसरों को काम दिलाने (रीकमेंट करने) के लिए पैसे लेना
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई से "दूसरों को काम दिलाने (रीकमेंट करने)" के संबंध में पूछा गया प्रश्न और उसका उत्तर।
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शरई अहकाम:
धार्मिकक्या मस्जिद के वक्फ पानी को 2 या 3 गैलन पीने के लिए इस्तेमाल करने में कोई हर्ज है?
हौज़ा / मोतवल्ली की इजाज़त से इस्तेमाल करने में कोई हाई नहीं है।
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शरई अहकाम:
धार्मिकबाप को सलाम न करने वाले बेटे के लिए क्या हुक्म हैं?और अगर बेटा सलाम करें और बाप जवाब ना दे तो उसका क्या वज़ीफा हैं?
हौज़ा / मां-बाप पर एहसान और उनका एहतेराम वाजिब है यहां तक कि अगर वह जवाब ना भी दे आप फिर भी इन्हें सलाम करें।