आरिफ वाहदी
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जनता में जितनी बुराइयां जन्म लेती है वह सब जाहेलियत और शिक्षा से दूरी के कारण हैं।अल्लामा अशफाक वहीदी
हौज़ा/इमामें जुमआ मेलबर्न हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अशफाक वहीदी ने कहां युवा पीढ़ी को शिक्षा से जोड़कर समाज से गरीबी को मिटाया जा सकता हैं।
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आतंकवाद और चरमपंथी के संरक्षक इज़राइल और उसके अनुयायी हैं,हुज्जतुल इस्लाम अशफाक वहीदी
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अशफाक वहीदी ने कहां मौजूदा दौर में आलमे इस्लाम के शासकों को उम्मते वाहेदा के रूप में दुनिया के सामने एक तस्वीर पेश करनी होगी
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इमाम जुमआ मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया:
क्रांति इस्लामी युवाओं के लिए उम्मीदों की किरण है।
हौज़ा/आज इस्लामिक क्रांति के माध्यम से इज़राइल की हार संभव है।इमाम खुमैनी (र.ह.) के विचार से ही मज़लूमों और वंचितों की मदद संभव है।जहाँ आतंकवाद और सामरिज्म के लिये बाज़ार गर्म है, इसके पीछे अमेरिका और इज़रायल जैसी ताकतें काम कर रही है, हमको ऐसी ज़ालिम ताकतों का सामना मिलकर करना चाहिए,
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इस्लाम और दीने ईलाही के सिद्धांतों की समाज में पहचान कराना तमाम मज़ाहिब के धर्म गुरुओं कि ज़िम्मेदारी हैं।आल्लामा अशफ़ाक वहीदी
हौज़ा/हज़रत इमाम हुसैन अ.स.का अमर बलिदान इस्लाम और दीने ईलाही को पुनर्जीवित किया है, इसलिए यह जीवित और अमर हैं। वंचितों और उत्पीड़ितों की आवाज कर्बला है केवल कर्बला के दर्शन के माध्यम से हम जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।
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इमामें जुमआ मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया:
आज हर युवा कासिम सुलेमानी हैं। अल्लामा अशफाक वहीदी
हौज़ा/आज कौम में शहीद क़ासिम सुलैमानी जैसा जज़बा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति देश में दिखाई देता है, यह शहीद के खून के आशीर्वाद का परिणाम है।
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इमामें जुमआ मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया:
सामाजिक बुराइयों के अंत के लिए कुरान को पहचानना और धर्म का पहचानना अनिवार्य है।आल्लामा अशफाक वाहिदी।
हौज़ा/बुराइयों के अंत के लिए कुरान को पहचानना और धर्म का पहचानना अनिवार्य है। समाज से बुराई खत्म नहीं हो सकती जब तक इसको ना पहचाना जाए कमज़ोर और मज़लुम की मददगार कुरान और दीन ए इलाही है। अपने धर्म और विचारधारा की रक्षा करने वाले राष्ट्र हि सफल होते हैं। मनुष्य को मनुष्य बनने के लिए कुरान और इस्लाम का समझना बहुत ज़रूरी है। दुनिया में जुल्म और आतंकवाद दीन से दूर होने का नतीज़ा है।
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रसूल अल्लाह के नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी शांति और एकता का प्रतीक: अल्लामा आरिफ वाहदी
हौज़ा/ हमारी अज़ादारी अमन और इत्तेहाद की अलामत है यह रसूल के नवासे का ज़क्र है और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम तमाम उम्माते मुस्लमा के हैं, किसी एक मज़हब से मख्सूस नहीं है।