हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शहीद कासिम सुलैमानी को आज एक व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि एक राष्ट्र के रूप में जाना जाता है। दुश्मन कासिम सुलैमानी से नहीं डरता था, लेकिन उनके विचारों और दूरदर्शिता से डरता था।
फिक्र और विचारधारा कभी नहीं मरती। आज हर युवा कासिम सुलैमानी नज़र आता हैं।इस मौके पर हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अशफाक वहीदी ने शहीद कासिम सुलैमानी की बरसी पर अपने विशेष शोक संदेश में कही,
उन्होंने कहा कि आज मज़लुमों और वंचितों के संरक्षक करने वाला हम से जुदा हो गया उन्होंनेआगे कहां कि कासिम सुलैमानी जैसा दर्द दिल रखने वाले सदियों के बात पैदा होते हैं।
बेगुनाह और नाहक ख़ून ने बेदार कर दिया इंकलाब इस्लामी में एक नई रूह पैदा की जिसे दुश्मन भी महसूस कर रहा है।
अल्लामा अशफाक वहीदी ने आगे कहा कि अमरीका और इसराइल ने शहीद कासिम सुलेमानी को एक राष्ट्र और नज़रिया समझकर शहीद किया लेकिन मासूम का खून ऐसा रंग ले आया कि डोनाल्ड ट्रंप जैसा शख्स इस दुनिया में बेइज्जत हुआ और आज कौम में शहीद क़ासिम सुलैमानी जैसा जज़बा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति देश में दिखाई देता है, यह शहीद के खून के आशीर्वाद का परिणाम है।