बुधवार 26 जनवरी 2022 - 18:49
इस्लाम और दीने ईलाही के सिद्धांतों की समाज में पहचान कराना तमाम मज़ाहिब के धर्म गुरुओं कि ज़िम्मेदारी हैं।आल्लामा अशफ़ाक वहीदी

हौज़ा/हज़रत इमाम हुसैन अ.स.का अमर बलिदान इस्लाम और दीने ईलाही को पुनर्जीवित किया है, इसलिए यह जीवित और अमर हैं। वंचितों और उत्पीड़ितों की आवाज कर्बला है केवल कर्बला के दर्शन के माध्यम से हम जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हमें मिलकर नफरतों और भेदभाव को मिटाना होगा,कर्बला इस्लाम के मार्गदर्शन और मान्यता का केंद्र है।कलमा पढ़ने वालों को हमेशा कर्बला से जुङे रहेना चाहिए


इसका इज़हार इमामें जुमआ मुल्ब्रोन आस्ट्रेलिया आल्लामा अशफ़ाक वहीदी जो इनदिनों बहरैन की एक सभा में उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहां,
उन्होंने कहा कि आज मुसलमानों को मौजूदा मुश्किलों को मिलजुल के सामना करना होगा, उन तत्वों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए जो आतंकवाद और सांप्रदायिकता जैसी समस्याएं पैदा कर रहें हैं।


आल्लामा अशफ़ाक वहीदी ने आगे कहां,कि इस्लाम और दीने ईलाही के सिद्धांतों को समाज में पहचान कराना तमाम मज़ाहिब के धर्म गुरुओं कि ज़िम्मेदारी हैं।
हज़रत इमाम हुसैन अ.स.का अमर बलिदान इस्लाम और दीने ईलाही को पुनर्जीवित किया है, इसलिए यह जीवित और अमर हैं। वंचितों और उत्पीड़ितों की आवाज कर्बला है केवल कर्बला के दर्शन के माध्यम से हम जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।

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