आशूरा
-
हज़रत उम्मुल बनीन (स) कर्बला में क्यों नहीं थीं?
हौज़ा / कर्बला में महिलाओं का उपस्थित होना कभी भी वाजिब नहीं था, और इमाम हुसैन (अ) ने अपने साथियों की मौजूदगी का निर्णय मसलहत और आवश्यकता के आधार पर लिया था। जो लोग कर्बला गई, वे शहीदों की पत्नियाँ…
-
आयतुल्लाह आराफ़ी:
मुझे दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों और पूर्व छात्रों की सेवा करने पर गर्व है
हौज़ा / हौज़ा इल्मिया के संरक्षक ने कहा: इस्लामी क्रांति की जीत के बाद, आशूरा को पूरी दुनिया में एक महान और अद्भुत घटना के रूप में मनाया गया।
-
हुज्जतुल-इस्लाम मुहम्मद इबादिज़ादा:
हमें पूरी दुनिया को क़याम-ए-आशुरा और इमाम हुसैन (अ) से परिचित कराना है
हौज़ा/ईरान के होर्मोज़्गान प्रांत में वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने कहा: अब तक हज़रत हुसैन इब्न अली (अ) मुसलमानों के लिए मखसूस थे, लेकिन आज से हमें पूरी दुनिया को आशूरा और इमाम हुसैन (अ) के क़याम…
-
इस्लामी कैलेंडरः
10 मुहर्रम 1445 -28 जुलाई 2023
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 10 मुहर्रम 1445 -28 जुलाई 2023
-
तालिबान को शिया मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए; आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / इमामे जुम्आ क़ुम ने कहा: ईरान ने आपके साथ बुद्धिमानी और उचित व्यवहार किया है और आपके व्यवहार में कई कठिनाइयों के बावजूद, हमने गलत रवैया नहीं अपनाया है और अभी भी हमारे संस्थानों और अधिकारियों…
-
आज आशुरा ए हुसैनी ईरान में बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रही है
हौज़ा / आज, हुसैनी (अ.स.) मातम करने वालों को काले कपड़े पहनाए जाते हैं और हुसैन (अ.स.) या अबुल फ़ज़ल (अ.स.) की आवाज़ें हर जगह से सुनी जा रही हैं, और ईरान के सभी शहर और गाँव हुसैन की अजादारी मनाने…
-
मौलवी अब्दुल रहमान खुदाई
अहले-सुन्नत भी अहले-बैत (अ.स.) और विशेष रूप से इमाम हुसैन (अ.स.) से प्यार करते हैं
हौज़ा / ईरान के बाना शहर के इमाम जुमा ने कहा: इस्लाम की दुनिया में, हम एक तरफ लंदन शिया और दूसरी तरफ अमेरिकी सुन्नी देखते हैं। ये दोनों ब्रिटिश उपनिवेशवाद के लक्षण हैं। इसलिए धर्म में हर तरह…
-
इस्लाम एक उदार समाज देखना चाहता है, अल्लामा अली रज़ा रिज़वी
हौज़ा / धर्म एक व्यक्ति को बुद्धि और भावनाओं दोनों के मामले में संयम के द्वार पर खड़ा देखना चाहता है ताकि दिल और दिमाग समानता के साथ व्यक्तियों और मनुष्यों की सभा का सूत्रधार बन सके।
-
कर्बला एक ऐसा महान शिक्षण संस्थान है जिसने जीवन के हर कोने में मानवता को शिक्षा दी है सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / पंजाब विधानसभा के सदस्य और मजलिसे वहदत मुस्लिम महिला विंग के वरिष्ठ नेता: कर्बला से हमें एक सबक मिलता है कि अगर समाज में सुधार या क्रांति को मंजूरी देनी है, तो समाज के हर वर्ग से समर्थन…
-
दुनिया के सभी धर्म इमाम अली (अ.स.) और इमाम हुसैन (अ.स.) से प्यार करते हैं; कुवैती शोधकर्ता
हौज़ा / कुवैती शोधकर्ता और पत्रकार एंटनी बारा ने कहा: दुश्मनों ने सदियों से अलग-अलग तरीकों से इमामों के अस्तित्व पर सवाल उठाने की कोशिश की है, लेकिन वे इस लक्ष्य में कभी सफल नहीं हुए, क्योंकि…
-
नई दिल्ली में अहले-बैत काउंसिल इंडिया द्वारा आयोजित पैग़ामे आशूरा कांफ्रेंस को विभिन्न विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने संबोधित किया
मुबल्लेग़ीन का अशूरा और अय्यामे अज़ा के बारे में पहला कर्तव्य, दुनिया को मकसदे क़यामे हुसैनी के बारे में बताना है
हौज़ा / मानव समाज आजादी और स्वतंत्रता का वह रास्ता खोज सकता है जो मजलूमे कर्बला इमाम हुसैन ने जुल्म और अन्याय का डटकर मुकाबला करने में दृढ़ता के माध्यम से स्वतंत्रता-प्रेमी और स्वतंत्र लोगों…
-
तंज़ीमुल मकातिब के सिक्रेट्रीः
ईमानी और दीनी बुनियादों पर इन्क़िलाब वक़्त गुज़रने के साथ जवान होता है
हौज़ा / हर इन्क़िलाब चाहे जितना अवामी हो मुद्दत गुज़रने के साथ उसका दाएरा तंग होता है और असर कम, यहां तक के सफ़हए हस्ती से मिट जाता है। लेकिन ईमानी और दीनी बुनियादों पर इन्क़िलाब वक़्त गुज़रने के…
-
दीने इस्लाम और मानवीय गरिमा की रक्षा के संघर्ष का नाम है कर्बला, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / कर्बला की लड़ाई आज भी जारी है। हमें बस इतना करना है कि अशूरा के इतिहास के किस अध्याय में और कर्बला की किस पंक्ति में हम खड़े हैं।
-
आशूरा मानवता का जीवन हैं, मौलाना ग़ाफ़िर रिज़वी
हौज़ा / रोज़े आशुर को कम महत्वपूर्ण समझने की भूल न करना क्योंकि यह वह दिन है जिस पर मानवता का अस्तित्व निहित है।
-
रोज़े आशूर बंदगी और इताअत की अज़ीम मेराज का नाम है, अल्लामा राजा नासिर अब्बास जाफरी
हौज़ा / ख़ालिके कायनात के चुने हुए बंदो ने दीने इलाही की सर बुलंदी और दिफा के लिए अपने घरबार कुर्बान कर यह साबित कर दिया कि सत्य और धार्मिकता के लिए सब कुछ लुटाा जा सकता है लेकिन सत्य के मार्ग…
-
रोज़े आशूरा और हिफ़्ज़े इनसानियत, मौलाना रज़ी हैदर फंदेड़वी दिल्ली
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) आज़ादी, सच्चाई, हक, न्याय और मानवता के नेता हैं। तभी तो वाका ए कर्बला के बाद से आज तक हर देश, शहर और हर कौम व क़बीले मे उनका ग़म और ज़िक्र पाया जाता है और कयामत तक पाया…
-
आशूरा की अहम्मियत और तारीख़
आशूरा का दिन या 'यौमे आशूरा' का सभी मुसलमानों के लिए महत्व है लेकिन शिया मुसलमानों के लिए इसकी ख़ास अहमियत है।
-
आमाले रोज़े आशूरा
रोज़े आशूर मोहम्मद और आले मोहम्मद के लिए मुसीबत का दिन है।
-
‘हुसैन’ : एक सत्याग्रही समूह !
हौज़ा / हुसैन के 72 सत्याग्रही में 18 सदस्य हुसैन के परिवार के थे, हुसैन के सत्याग्रह में खाने की रसद पहुंचने के मार्ग पर और जलाशय से पानी लेने पर ‘यझीद’ ने प्रतिबंध लगाया । तीन दिन के भुखे-प्यासे…
-
दिन की हदीसः
अशूर के दिन गिरया और ग़मो अनदोह का अज्र
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में मुहर्रम के महीने में आशूरा के दिन रोने और ग़मो अनदोह का अज्र बताया है।
-
आशूरा के दिन इमाम हुसैन (अ.स.) के सब्र पर फरिश्ते भी हैरान थे,आयतुल्लाह उज़्मा मज़ाहेरी
हौज़ा/आयतुल्लाह उज़्मा मज़ाहेरी ने कहां, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनकी कर्बला से हमें यह दरस मिलता है कि हम जिंदगी में सब्र के दामन को अपने हाथ से ना जाने दे क्योंकि खुदा की आतअत के लिए भी तो…
-
:दिन की हदीस
मोहर्रम और अहलेबैत अलैहिस्सलाम
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे मोहर्रम में इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के मामूलात की तरफ इशारा किए हैं।
-
अशूरा ने हमारे कंधों पर बहुत संगीन जिम्मेदारियां रखी हैं, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रमुख ने कहा: अशूरा ने हम पर जो सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रखी है, वह यह है कि हमें अहलेबैत (अ.स.) के भक्तों की संख्या कम नहीं होने देनी चाहिए।