हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सय्यद उश-शोहदा इमाम हुसैन (.) की शहादत की याद में और उनके साथीयो की याद पूरी दुनिया में शोक सभाएँ और जुलूस निकाले जा रहे हैं। मुहर्रम की नौवीं और दसवीं तारीख़ को ईरान के विभिन्न शहरों से शोक मनाने वालों ने इस्लामी गणराज्य ईरान के पवित्र शहर क़ुम में हज़रत सय्यदा फ़ातिमा मासूमा (स) की दरगाह पर जाकर पुरसा पेश किया।
दरगाह का माहौल या हुसैन (अ) या हुसैन (अ) की आवाज़ों से गूंज रहा था। दिन-रात इमाम हुसैन (अ) के शोक मनाने वाले जुलूसों की शक्ल में हज़रत मासूमा फातिमा (स) की सेवा में शामिल हो रहे हैं, मातम मना रहे हैं, और नमाज़ पढ़ रहे हैं। मातमी अंजुमने लबैक या हुसैन (अ) और या अबूल फ़ज़लिल अब्बास (अ) के अलम लिए हुए हैं और अमेरिका मुर्दाबाद और इसराइल मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। नौहा और नारों के ज़रिए मातमी अंजुमने ने अमेरिका, इसराइल और दमनकारी यूरोपीय शक्तियों के खिलाफ़ यज़ीदी युग के जिहाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और इमाम हुसैन (अ) के बेटे, इस्लामी क्रांति के नेता हज़रत आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई के प्रति अपनी वफ़ादारी का इज़हार किया।
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