गुरुवार 3 जुलाई 2025 - 18:26
कर्बला आज भी सही और गलत के बीच की शाश्वत विभाजक रेखा है: मुफ्ती किफायत नकवी

हौज़ा /ज़ईमे मिल्लत जम्मू-कश्मीर मुफ्ती किफायत हुसैन नकवी और प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान मौलाना हाफिज सैयद जहीन अली नजफी ने कर्बला मोअल्ला में दुनिया भर से आए तीर्थयात्रियों से बात करते हुए कहा है कि कर्बला किसी विशेष राष्ट्र या संप्रदाय की विरासत नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए जागृति, स्वतंत्रता और बलिदान का एक सार्वभौमिक संदेश है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ईमे मिल्लत जम्मू-कश्मीर मुफ्ती किफायत हुसैन नकवी और प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान मौलाना हाफिज सैयद जहीन अली नजफी ने कर्बला मोअल्ला में दुनिया भर से आए तीर्थयात्रियों से बात करते हुए कहा है कि कर्बला किसी विशेष राष्ट्र या संप्रदाय की विरासत नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए जागृति, स्वतंत्रता और बलिदान का एक सार्वभौमिक संदेश है।

उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन (अ) ने सही और गलत की लड़ाई में मज़लूमों को क़यामत तक जीने की हिम्मत दी और ग़लत के ख़िलाफ़ उठने वालों को रोशनी दी। आज भी कर्बला हर आज़ादी पसंद दिल को पुकार रहा है: आओ! देखो कैसे प्यासे कारवां ने क़यामत तक अपनी प्यास बुझाई!

उलमा ने कहा कि हुसैनी पैग़ाम अमन, भाईचारे, सहनशीलता, सब्र और दृढ़ता का पैग़ाम है। कर्बला का हर कण इंसान को झकझोर देता है कि जुल्म के आगे झुकना अपमान है और हक़ के लिए डटे रहना हुसैनियत है।

उन्होंने सच्चे दिल से मोमिनों को आमंत्रित किया और कहा, "कर्बला आओ!" हुसैनी दरवाज़े पर हर दिल को सुकून मिलता है, हर रूह को रोशनी मिलती है, हर आँख को आँसू मिलते हैं और हर सवाल का जवाब मिलता है। यहाँ न रंग देखा जाता है, न भाषा, न नस्ल देखी जाती है और न ही राष्ट्र, इसलिए एक शर्त है, दिल में हुसैनियत के लिए प्यार होना चाहिए!

उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन की ज़ियारत सिर्फ सवाब नहीं है, बल्कि यह हुसैनियत की ट्रेनिंग है, एक प्रतिज्ञा है कि हम भी अत्याचारी के खिलाफ हैं और मजलूमो के साथ हैं।

अंत में मुफ्ती किफायत नकवी और हाफिज जहीन नजफी ने इस्लामी दुनिया खासकर पाकिस्तान, कश्मीर, फिलिस्तीन, यमन, ईरान और दुनिया भर में मजलूमो की सुरक्षा और स्थिरता के लिए दुआ की और कहा कि कर्बला का संदेश यह है कि जहां कहीं भी मज़लूम हैं, हम उनके साथ हैं और जहां कहीं भी अत्याचार है, हम उसके खिलाफ हैं।

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