۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
इमाम हसन (अ.स.) फाउंडेशन
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम का कुछ इंसानों पर ताज्जुब
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कुछ लोगों के कामों पर ताज्जुब किया है।
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आयतुल्लाह हाफ़िज़ बशीर नज़फ़ी:
अल्लाह और पैगंबर (स.अ.व.व.) के बाद, अहलेबेैत (अ.स.) ही हमारे हक़ीक़ी रहबर है और तक़वे के बिना अमल का कोई फ़ायदा नही
हौज़ा / मरज-ए आली क़द्र ने अपने बयान में कहा कि अल्लाह और पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के बाद, अहलेबेैत (अ.स.) हमारे हक़ीक़ी रहबर है और जरूरी भी है कि हम उन्हें अपनी दुनिया और आख़ेरत के लिए हक़ीक़ी रहबर माने, क्योंकि वे हमारे लिए नमून-ए अमल हैं, दिव्य मार्ग है, मोक्ष का साधन है। उनके शब्दों और कर्मों का पालन करने का अर्थ है मौक्ष और बंदगी।