हौज़ा / सुप्रीम लीडर में फरमाया,अगर फ़ैमिली में औरत को मनोवैज्ञानिक व नैतिक नज़र से सुरक्षा हासिल हो सुकून व इत्मेनान हो तो हक़ीक़त में शौहर उसके लिए लेबास समझा जाता है।
हौज़ा/आज का इंसान आतंकवाद और जुल्म से जूझ रहा है, लेकिन कर्बला की तलहटी मानवता की मुक्ति का केंद्र है। इमाम हुसैन (अ) ने रेज़ार-ए-कर्बला पर अपने प्रवास से ऐसे सिद्धांत रखे, जो आज भी आतंकवाद के…