जुलूस मजलिस
-
चेहल्लुम के मौके पर कर्बला के 72 शहीदों की याद में मजलिस आयोजित की गई
हौज़ा / अरबईन के मौके पर एक मजलिस आयोजित की गई जिसको मौलाना सैयद असगर रज़ा रिज़वी ने मजलिस को खिताब किया इस मौके पर उन्होंने कर्बला के शहीदों के मसएब बयान किए।
-
मजलिस के बाद बड़ी अकीदत के साथ ताबूत व आलम निकला गया
हौज़ा / अंजुमन जाफरी के नेतृत्व में 19 मोहर्रम को जुलूस -ए- आमारी अलम ताबूत व ज़ुल्जन्हा निकाल कर कर्बला के शहीदों को पुरसा दिया गया।
-
हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लिमिन असगर इरफ़ानी:
समाज मे नमाज़ का प्रचार वास्तव में सभी अच्छी चीजों का प्रचार है
हौज़ा/ ईरान के क़ज़वीन में मदरसा अल-इमिया के प्रिंसिपल ने कहा: मानव जीवन में नमाज़ के सकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि समाज में इस कर्तव्य का प्रचार वास्तव में सभी अच्छी चीजों का प्रचार है।
-
कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में रात भर हुआ मातम और शब्बेदारी
हौज़ा/कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शनिवार को शब्बेदारी में पूरी रात बहत्तर शहीदों की शहादत पर मातमी अंजुमनों ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया इस दौरान इमाम हुसैन अलिहिस्लाम के चाहने वालो ने आंसुओं के ज़रिए नज़राने अकीदत पेश किए
-
करबला में फ़क़ाहत को जेला मिली: मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान
हौज़ा / इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने बचपन के दोस्त हज़रत हबीब बिन मज़ाहिर अलैहिस्सलाम को ख़त भेज कर करबला बुलाया, हज़रत हबीब अलैहिस्सलाम एक आलिम ओ फ़क़ीह थे, इमाम आली मक़ाम ने उन्हें दावत दे कर रहती दुनिया तक फ़क़ीह और फ़क़ाहत की शान को ज़ाहिर कर दिया।
-
आले सऊदी की ओर से जन्नतुल बक़ीअ को ध्वस्त करने का कदम मुस्लिम उम्माह के दिल को एक बड़ा झटका है: हसन अली सज्जादी
हौज़ा / असगरिया छात्र संगठन पाकिस्तान के केंद्रीय अध्यक्ष: आले सऊद ने हमेशा ज़ायोनीवाद और तकफिरियाह का समर्थन किया है और इस्लाम को कमजोर करने का प्रयास किया है। सभी को याद है कि जन्नतुल बकीअ के विध्वंस के बाद, वहाबियों ने पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के रोज़े को गिराने के लिए भी बढ़े, लेकिन पूरे इस्लामी दुनिया में उनके खिलाफ दुःख और क्रोध की लहर ने उनकी नापाक योजना को सफल नही होने दिया।
-
इंसान मौत से विश्वास में कमज़ोरी और निश्चितता की कमी के कारण भागता हैं ,मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी
हौज़ा/जामिया इमामिया तनज़ीमुल मकातिब लखनऊ में मजलिसे तरहीम आयोजित हुई जिसमें मौलाना ने मौत के बारे में विवरण से प्रकाश डाला, मौत की हकीकत और मौत से लोग क्यों डरते हैं क्या कारण है लोग जो मौत का नाम सुनत हि डर जाते और मौत से दूर भागने की कोशिश करते हैं।
-
शहीद आरिफ हुसैनी तश्क्कुल कि ओर से इस्फ़हान में मजलिस का आयोजन किया गया
हौज़ा/ ईरान के शहर इस्फ़हान में हुसैनिया फातिमा ज़हेरा स.ल. मेें तश्क्कुल शहीद आरिफ हुसैनी की ओर से 28 रजब को (इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मदीने से रुखसती)कि मुनासिबत पर एक मजलिस का आयोजन किया गया
-
नाइजीरिया में शियाओं का हुसैनिया बकियातुल्लाह ज़रिया कि पुनर्निर्माण
हौज़ा/नाइजीरिया में शिया और खैय्यरीन के एक समूह की सहायता से ज़ारिया शहर में हुसैनिया बकियातुल्लाह का पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गया हैं।
-
जहां ईदे मिलादुन्नबी के जुलूस संभव नहीं है, अहले सुन्नत के जुलूसो में शामिल हो, अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी
हौज़ा / शिया उलेमा परिषद उत्तर पंजाब ने एकता सप्ताह के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस की घोषणा की।
-
हज़रत मोहसिन अलैहिस्सलाम एक ऐसे शहीद है जिनका जन्मदिन नहीं बल्कि शहादत मनाई जाती है, मौलाना नावेद आबदी
हौज़ा/इंसानियत के इतिहास में एक शख्स ऐसा भी है जिसका जन्म दिन नहीं मनाया जाता लेकिन शहीद ज़रूर मनायी जाती है। और इस मज़लूम का नाम हज़रत मोहसिन अ.स.है।
-
हमें दीन और धर्म के नियमों का पालन करना चाहिए और साथ ही लोगों के अधिकारों का भी ध्यान रखना चाहिए: मौलाना शादाब हैदर अमरोही
हौज़ा/हज़रत रलूस आल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया था मैं तुम्हारे बीच दो मूल्यवान चीजें छोड़ रहा हूं, एक कुरान है और दूसरा मेरा अहले बैत अ.स.है। यदि तुम इनको मजबूती से थामे रखे तो कभी भी गुमराह नहीं होंगे
-
हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म में होने वाली मजलिसो से इंसान गुनाहों से दूर रहता है, मौलाना क़मर सुल्तान
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म में बरपा होने वाली मजलिसो के बहुत सारे फायदे हैं एक यह फायदा है कि इंसान गुनाहों से दूर रहता है।
-
टिक टॉकर से बदसलूकी को आशूरा पर दहशत गर्दी से अधिक संगीन क़रार देना बे हिसी है, अल्लामा सिब्तैन सब्ज़ावारी
हौज़ा / टिक टॉकर की अपनी हरकत जैसी भी थी लेकिन किसी को भी इस बात की अनुमति नही दी जा सकती कि वह किसी महिला की इज़्ज़त पर हाथ डाले और उससे दस्त तराज़ी करे लेकिन बहावलनगर में शोक जुलूस ए अज़ा पर मस्जिद से हुए आतंकवादी हमले को एक निजी टीवी चैनल तक सीमित कर देना। फैय्याज़ुल हसन चौहान की नासेबी सोच को दर्शाता है।
-
कारगिल में जुलूस अबुल फज़्लिल अब्बास (अ.स.) और आशूरा अक़ीदत और एहतराम के साथ मनाया गया
हौज़ा / लद्दाख के कारगिल जिले मे आशूरा ए हुसैनी बड़ी अक़ीदत और एहतराम के साथ मनाया गया।
-
आज के हालात में इमाम हुसैन के जीवन का अनुसरण करने में ही इस्लामी दुनिया की शान और राज है।अल्लामा हसन ज़फर नक़वी
हौज़ा/ इस्लाम और मुसलमान पर कुफ्र और शिरक ताकतें हर तरफ से हमला कर रही हैं, हम को एकजुट होकर मुकाबला करने की ज़रूरत है।
-
अमरोहा, मुहर्रम के पहले दस दिनों का मज़हबी अकीदत और एहतेराम के साथ एहतेमाम
हौज़ा/ शहर ,अज़ादारी अमरोहा में मोहर्रम का पहला अशरा निहायत हि अकीदत और मज़हबी जज़्बात के साथ जारी है।