हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, लखनऊ में आशरा-ए-मुहर्रम की दूसरी मजलिस को इमामबाड़ा ग़ुफ़रान माआब में मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने खिताब किया और उलमा-ए-हक़ की महानता को बयान किया।
उन्होंने हज़रत ग़ुफ़रान माआब के बेटे, सुल्तानुल उलमा सैय्यद मोहम्मद रिज़वान माआब का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुल्तानुल उलमा ने कभी भी हुकूमत के सामने सिर नहीं झुकाया। उन्होंने हमेशा शरीअत की हिफ़ाज़त की, क्योंकि एक सच्चा और हक़ीक़ी आलिम कभी भी बड़ी से बड़ी ताक़त के सामने झुकता नहीं।
जिस तरह आज रहबर-ए-इंक़िलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सुपर पावर को ठुकरा दिया और तानाशाही हुकूमत के सामने झुकने से इंकार कर दिया यही हुसैनी रवैया है,सिर्फ़ ख़ुदा के सामने सिर झुकाना।
मौलाना ने आगे कहा कि अब दुनिया शहादत-ए-उज़मा के राज़ को समझ रही है और लोग तेज़ी से कर्बला की ओर रुख़ कर रहे हैं।आख़िर में मौलाना ने इमाम हुसैन (अ.स.) के मैदाने कर्बला में दाख़िल होने की रिवायत को बयान किया।
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