दुआ के कुबूल होने (13)
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दरस-ए-अख़लाक़:
धार्मिकअल्लाह तआला की याद को ग़नीमत समझिए
हौज़ा / वह इंसान जिसे रूहानी सुकून हो उसकी सोच सही रहती है, वह सही फ़ैसले करता है और सही क़दम उठाता है। ये सब अल्लाह की रहमतों की निशानियाँ हैं।याद रहे ज़िक्रे इलाही से ही दिलों को इतमेनान नसीब…
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दरस-ए-अख़लाक़ः
धार्मिकअल्लाह से गिड़गिड़ाकर दुआ कीजिए
हौज़ा / हम दुआ को मामूली चीज़ न समझें, अल्लाह से कुछ तलब करने को मामूली बात न समझें। आपसे जहाँ तक मुमकिन हो दुआ को अल्लाह के सामने ऐसे माहौल में पेश कीजिए जिसमें आपकी बेहतरीन हालत हो, रोने और…
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दिन की हदीस:
धार्मिकदुआ की कबूलियत के लिए दो महत्वपूर्ण शर्तें
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुआओं की क़बूलियत की शर्तें को बयान फरमाया हैं।
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दिन की हदीस:
धार्मिकदुआओं की क़बूलियत की शर्तें
हौज़ा / हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में दुआओं की क़बूलियत की शर्तें को बयान फरमाया हैं।
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आयतुल्लाह बहजत:
ईरानदुआ का प्रभाव कभी-कभी देर से अवश्य हो सकता है, लेकिन दुआ कभी भी बेअसर नहीं होती
हौज़ा / दुआ ईमान वाले इंसान का सबसे प्रभावी और श्रेष्ठतम साधन है, और यदि इसका प्रभाव तुरंत दिखाई न भी दे, तो उचित समय पर अवश्य प्रकट होता है। दुआ का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता, बस कभी-कभी देर…
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दरस-ए-अख़लाक़ः
धार्मिकदुआ के साथ अमल उसके क़ुबूल होने की उम्मीद बढ़ा देता है
हौज़ा / दुआ करने के साथ-साथ उचित प्रयास करना भी ज़रूरी है अल्लाह तआला ने इंसान को सोच समझकर और मेहनत के साथ काम करने का हुक्म दिया है, और फिर उस पर भरोसा तवक्कुल करते हुए दुआ करने को कहा है।
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दरस-ए-अख़लाक़ः
धार्मिकदुआओं से ग़ाफ़िल न हों!
हौज़ा / हमारे आध्यात्मिक स्रोतों में ऐसी चीज़ें मौजूद हैं जो सहीफ़ए सज्जादिया या इमामों की दुआओं के सिवा कहीं और नहीं मिल सकतीं, यह आत्मज्ञान, दुआ की ज़बान में बयान हुए हैं।इस लिए दुआओं की ओर…
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धार्मिकरमज़ान उल मुबारक के आठवें दिन की दुआ
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।