हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,हम दुआ को मामूली चीज़ न समझें, अल्लाह से कुछ तलब करने को मामूली बात न समझें। आपसे जहाँ तक मुमकिन हो दुआ को अल्लाह के सामने ऐसे माहौल में पेश कीजिए जिसमें आपकी बेहतरीन हालत हो, रोने और गिड़गिड़ाने का माहौल हो।
दुआ में आया है,तेरे सामने गिड़गिड़ाने के सिवा कोई चीज़ मुझे तुझते बचा नहीं सकती। अगर आप अल्लाह के सामने गिड़गिड़ा सके और फ़रयाद कर सके तो उस वक़्त आप दुनिया की खोखली ताक़तों, तथाकथित ताक़तों, झूठी व दिखावे की ताक़त दिखाने वाली किसी भी बड़ी ताक़त के सामने आपना सिर बुलंद रखेंगे, रोएंगे और गिड़गिड़ाएंगे नहीं।
क़ुरआन में भी हमारा मार्गदर्शन किया गया है और हमको हुक्म दिया गया है कि हम अल्लाह से दुआ किया करें।
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