۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
नमाज़े शब
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शरई अहकामः
मुस्तहब नमाज़ो में हिजाब का ख्याल रखना
हौज़ा | वाजिब और मुस्तहब नमाज़ में कोई अंतर नहीं है और अगर जानबूझकर हिजाब का ध्यान न रखा जाए तो नमाज़ बातिल है।
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:दरस ए अख़लाक़
नमाज़े शब गुनाहों को ख़त्म कर देती हैं
हौज़ा/जब आप 'नमाज़े शब' पढ़ते हैं, जो गुनाह आपने दिन में किए होते हैं, उन्हें ख़त्म कर देती है, क्या इससे बेहतर भी कोई चीज़ हो सकती है? रूहानियत से लगाव रखने वाले, अल्लाह के रास्ते पर चलने वाले नमाज़े शब को इसी वजह से ख़त्म न होने वाला ख़ज़ाना व ज़ख़ीरा मानते हैं।