नरक
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दिन की हदीसः
अनाथों की सरपस्ती; स्वर्ग की कुंजी या नरक का रास्ता?
हौज़ा/अल्लाह के रसूल (स) ने एक हदीस में अनाथों की सरपस्ती के सवाब की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
नर्क की आग से नेजात देने वाला नाम
हौज़ा/ पवित्र पैगंबर (स) ने एक हदीस में हज़रत फातिमा (स) के नाम का कारण वर्णित किया है।
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हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन फरहज़ाद:
अहले-बैत (अ) के लिए प्यार से भरे सीने पर जहन्नम की आग हराम है
हौज़ा / हज़रत मासूमा (स) के खतीब ने फ़रमाया: अहले बैत (अलैहिस्सलाम) के लिए मुहब्बत से भरे सीने पर जहन्नम हराम है। जो कोई अहल अल-बैत (अ) की संरक्षकता को जानता है, लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं करता है, वह निश्चित रूप से जहन्नम की आग में पकड़ा जाएगा।
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इत्रे क़ुरआनः
सूरा ए बकरा: गुनाह की पकड़ में रहने से इस बात का पता चलता है कि पाप इंसान के पूरे वजूद को घेर लेता है
हौज़ा/ यहूदी पापी अन्य पापियों की तरह अपने विशेषाधिकार और अनुमान के अनुसार नरक की आग में पीड़ित होंगे। इंसानों की अलग-अलग नस्लें और गोत्र अपने पापों की सजा के मामले में एक-दूसरे के साथ भेदभाव नहीं करते हैं।
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इत्रे कुरान:
सूरा ए बकरा: अल्लाह तआला अपने मार्गदर्शन को लोगो की ओर इस तरह भेजता है कि इस मार्गदर्शन की दिव्यता का संकेत और प्रतीक इसके साथ होता है
हौज़ा / जो लोग अविश्वास करते हैं और अल्लाह की निशानीयो को अस्वीकार करते हैं वे हमेशा के लिए नरक में रहेंगे। नरक और उसकी आग शाश्वत और हमेशा के लिए है।
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) का दुश्मन जहन्नमी है, मौलाना सैयद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / हज़रत फातिमा ज़हरा (सलामुल्लाहे अलैहा ) ने अपनी बुद्धिमानी से दुश्मनों को पुनरुत्थान के दिन तक उजागर किया।
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धर्मत्यागी है तो --- जाए नरक में
हौज़ा / वर्तमान समय मे बढ़ते क्लेश को देखते हुए मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी साहब क़िबला फलक छौलसी ने कहा: "हम हर उस व्यक्ति से घृणा करते है जो किसी भी धर्म की पवित्रता का अपमान करता हैं, चाहे वह व्यक्ति जिसने अल्लाह ताला द्वारा नाज़िल किए गए कुरान का मजाक उड़ाया और जिस हसती पर यह किताब नाज़िल हुई उसको मानसिक बीमारी से वर्णित किया गया !! यह अक्षम्य अपराध है!
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मनुष्य के स्वर्ग और नर्क में रहने का कारण, डा. नासिर रफ़ीई
हौज़ा / ईरानी विश्वविद्यालयों और मदरसा के शिक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मद नासिर रफ़ीई ने अल्लाह के प्रिय कदमों की ओर इशारा किया और कहा कि यदि कोई व्यक्ति मोमिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक कदम उठाता है, तो अल्लाह उसके लिए हर कदम के बदले मे अच्छे कर्म लिखता है और इमाम सज्जाद (अ) कहते हैं कि मोमिन की जरूरतों को पूरा करने का इनाम एक महीने के एतिकाफ से अधिक है।
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माता-पिता का उचित पालन-पोषण ही बच्चों को नरक से बचाएगा: हुज्जतुल-इस्लाम सैयद नसीमुल-हसन रिज़वी
हौज़ा / आखरी ज़माने के लिए विशेष रूप से आइम्मा-ए-अतहार (अ.स.) ने बच्चों के पालन-पोषण पर जोर दिया। यदि माता-पिता अपने बच्चो को अच्छा पालन-पोषण नही करेंगे तो बच्चे नरक की ओर चले जाएंगे, आखरी जमाने के बच्चो के लिए नरक की एक घाटी है जो सख्त सजाओ के लिए है। इसलिए, यदि आप अपने बच्चों को नर्क के इन दण्डों से बचाना चाहते हैं, तो अहलेबैत (अ.स.) के पदचिन्हो पर चलते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण करें ताकि हमारे बच्चे दुनिया और आखिरत दोनो मे सफल हो जाएं।