हौज़ा / पैग़म्बर (स) ने एक चेतावनी भरे वृत्तांत में जुमे की नमाज़ में शामिल होने के महत्व पर ज़ोर दिया है।
हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत में मुनाफ़िक़ की तीन निशानियाँ बयान की हैं।