मौलाना ग़ाफिर रिजवी
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क़िस्त न 55
वीडियो / भारतीय विद्वानों का परिचय | आयतुल्लाह सय्यद अली रिज़वी
हौज़ा / पेशकश: दानिशनामा इस्लाम, इंटरनेशनल नूर माइक्रोफिल्म सेंटर दिल्ली काविश: मौलाना सैयद गाफ़िर रिज़वी छोलसी और मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फ़ंदेड़वी
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सादाते उस्मानपुर की वंशावली का विमोचन
हौजा/इंटरनेशनल नूर माइक्रो सेंटर के माध्यम से अमरोहा में सादाते उस्मानपुर की वंशावली का विमोचन हुआ।
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हिजाब महिलाओं का आभूषण है, मौलाना ग़ाफिर रिज़वी
हौज़ा/संपादक सागर ईल्म दिल्ली हिजाब महिलाओं के अधिकार का प्रमाण है,हिजाब किसी विशेष धर्म से जुड़ा नहीं हैं,बल्कि यह हर धर्म की प्रत्येक स्त्री का गहना है, कौन बेग़ैरत आदमी होगा जो बाजार में अपनी मां और बहनों को नंगा देखना पसंद करेगा?
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मज़बूत क़िलों में बंद होने के बावजूद मौत के चंगुल से बचना संभव नहीं,मौलाना गफिर रिज़वी
हौज़ा / जिनके मन में पाप की बस्ती होती है उनके हृदय में मृत्यु का भय है। जब ईमान वालों के सामने मौत का नाम आता है तो ये कहते नज़र आते हैं,अगर हम सही रास्ते पर हैं, तो हमें क्या परवाह है कि मौत हम पर आ जाए या हम मौत पर जा पड़े इसकी बेहतरीन मिसाल हुसैन का कड़ियल जवान अली अकबर है,
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दु:खद खबर, मौलाना रज़ी हैदर जै़दी के पिता का निधन
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद गाफ़िर रिज़वी ने कहा: फंदेड़ी सादात, अमरोहा जिले के निवासी, एक बहुत ही पवित्र, विनम्र और धर्मपरायण व्यक्ति, मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर जै़दी साहब क़िबला और मौलाना शाने हैदर जै़दी साहब क़िबला के पिता आदरणीय श्री सैय्यद अमीर हैदर जै़दी इब्ने सैय्यद तासीर हुसैन जै़दी का आज, शुक्रवार, 10 सितंबर, 2021 को निधन हो गया।
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आह! हिकमत का दीपक बुझ गया
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लिमीन मौलाना सैय्यद गफ़िर रिज़वी ने कहा:हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम समय के हिदायेते चिराग थे,वह इराक के स्तंभों में से एक थे।
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इमाम हुसैन (अ.स.) ने उम्मत को गुमराही से बचाया, मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वि
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) ने अपने क़याम के माध्यम से पूरी उम्मत को गुमराही से बचाया है। अगर इमाम हुसैन नहीं उठे होते तो मुस्लिम उम्मत बर्बाद हो जाती।
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आशूरा मानवता का जीवन हैं, मौलाना ग़ाफ़िर रिज़वी
हौज़ा / रोज़े आशुर को कम महत्वपूर्ण समझने की भूल न करना क्योंकि यह वह दिन है जिस पर मानवता का अस्तित्व निहित है।
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अज़ादारी अमल चाहती है, मौलाना सैय्यद ग़ाफिर रिज़वी
हौज़ा/ अज़ादारी के मैदान में आगे आगे रहना लेकिन अमल के मैदान में ज़ीरू होना कोई अकल मंदी की दलील नहीं है, क्योंकि यह अज़ादार की पहचान नहीं है। एक सच्चा आज़दार वही है जो अज़ादारी के साथ-साथ एहकामे खुदा वंदी पर भी अमल करें
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अज़ादारी ए इमाम हुसैन (अ.स.) हमारी शह रगे हयात है, मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.) की मज़लूमियत पर रोना, रुलाना या रोने वाले की सूरत बनान अर्थात इमाम हुसैन (अ.स.) के ग़म मे किसी भी प्रकार ग़मग़ीन होने वाले को जन्नतुल फ़िरदौस की बशारत दी गई है।
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आज सच्चाई जीत गई
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद ग़ाफिर रिज़वी फलक ने कहां,इस्लाम ने हमेशा सच बोलने की आज्ञा दी है और जीत हमेशा सच की होती है। ।यही वजह है कि मुबाहेले के दिन सच्चाई की जीत हुई, झूठ किसी भी मैदान में देर तक नहीं टिकता है। जब भी सच के मुकाबले में आएगा वह मुंह की खायेगा
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बूस्ताने फ़लक का बाबे ग़म तैयार है
हौज़ा / हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी फ़लक छौलसी के अथक प्रयास से मुहर्रमुल हराम 1443 हिजरि की मुनासेबत से ग़मो अन्दोह मे डूबा हुआ नौहा, सलाम और ग़मग़ीन क़तआत का मजमूआ बूस्ताने फ़लक बाबे ग़म तैयार हो गया है।
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अशरा ए करामत की करामते
हौज़ा / अशरा ए करामत ईरान मे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह अशरा ईरान के लिए अद्वितीय है, बल्कि दुनिया मे जहा जहा भी हैदरे कर्रार के मानने वाले है उन सभी का कर्तव्य है, कि वे इस शुभ अवसर पर आनन्दित हों और दुनिया के लोगों को साबित करें कि यह हमारी ईद में से एक है जो दस दिनों तक मनाई जाती है।
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बैतुल मुकद्दस हमारा है
हौज़ा / हमारा गौरव इस बात को स्वीकार नहीं करता है कि हमारा पहला क़िबला दुश्मन के नियंत्रण में रहे। हम अपनी इबादत का स्थान शत्रु के चंगुल से निकाल लेंगे, क्योंकि हम बैतुल मुकद्दस के हैं और बैतुल मुकद्दस हमारा है।