मौलाना तक़ी अब्बास रिज़वी
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मौलाना मुमताज़ अली मरहूम इल्म, ख़ुलूस और इंकेसारी के पैकर थे।मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / मौलाना मुमताज़ अली की सादगी इल्मियत और अख़लाक़ी अज़मत ने हर दिल में जगह बनाई वह एक ऐसे मार्गदर्शक और उस्ताद थे जिन्होंने न सिर्फ अपने इल्म से बल्कि अपने किरदार से भी रहनुमाई की,उनकी जुदाई से इल्मी और मज़हबी हल्का एक अज़ीम रहनुमा से महरूम हो गया उनकी शख्सियत का ख़ुलूस इंकेसारी और शफक़त हमेशा दिलों में ज़िंदा रहेगी।
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क़ुरआन की रौशनी में:
गुनाह सिर्फ़ ख़ुदा माफ़ करेगा, पैग़म्बर भी नहीं
हौज़ा/अपने गुनाहों से दूसरों को अवगत कराना, अपने अंदरूनी राज़ों और अपने गुनाहों को दूसरों के सामने बयान करना मना है,गुनाह सिर्फ़ ख़ुदा माफ़ करेगा,
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मौलाना तकी अब्बास रिज़वी:
देश में धार्मिक घृणा राष्ट्रहित के लिए हत्यारा है, बहस के नाम पर देश के शांतिपूर्ण माहौल में जहर घोला जा रहा है
हौज़ा / नोपुर शर्मा का पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) के संबंध मे शर्मनाक विश्लेषण और मुखर टिप्पणी उनकी गंदी मानसिकता का प्रतीक है।
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धार्मिक स्कूलों की सुरक्षा और उनका इस्तेहकाम हमारा मुख्य दायित्व है
हौज़ा / यदि आप अपने आप से एक प्रश्न पूछते हैं कि धार्मिक विद्यालय हमारे समाज को क्या दे रहे हैं? तो इसका उत्तर यह होगा कि प्राचीन काल से हमारे समाज में जितने भी धार्मिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य होते रहे हैं या हो रहे हैं, वे सभी हमारे विद्वानों, मदरसों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा प्रेरित हैं।
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ज्ञान वापी मस्जिद का मामला, "खोदा पहाड़, निकला चूहा" वाली कहावत बनकर रह गया!
हौज़ा / देश आस्था की बुनयाद पर नही, बल्कि क़ानून की बनुयाद पर चलता है। देश के सर्वोच्च न्यायालय और कचैरी के फैसले आस्था और जनता के जज़्बात की बुनयाद पर नही होते बल्कि तर्क और हक़ीक़त की बुनयाद पर होते है।
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सीरिया के राष्ट्रपति बश्शारूल असद की आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात/फोंटों
हौज़ा/सीरिया के राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा, आपका बुलंद हौसला सीरिया की विजय में प्रभावी रहा, देश का पुनरनिर्माण कीजिए,अभी आपको बहुत बड़े काम करना हैंकहा, आपका बुलंद हौसला सीरिया की विजय में प्रभावी रहा, देश का पुनरनिर्माण कीजिए,अभी आपको बहुत बड़े काम करना हैं।
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द कश्मीर फाइलस झूठ का पुलिंदा हैः मौलाना तकी अब्बास रिजवी
हौज़ा /अहलेबैत फाउंडेशन के उपाध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना तकी अब्बास रिजवी कलकत्तवी ने एक बयान में कहा कि भारत का हर नागरिक लंगड़े सच और चल रहे झूठ से अच्छी तरह वाकिफ होगा। और यह कुछ और नहीं बल्कि द कश्मीर फाइल्स नाम की फिल्म है जिसने देश में हंगामा मचा रही है और यह वर्तमान में सोशल मीडिया का टॉप ट्रेंड मुद्दा है।
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हेजाब तरक़्क़ी में रुकावट नहीं, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई
हौज़ा / इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने कहा कि खेल की प्रतियोगिताओं में जीत समाज को ऊर्जा, ज़िन्दादिली, हिम्मत, और इरादे की ताक़त का पैग़ाम देती है। जब इरादे मज़बूत हो तो राहे हमवार हो जाती है,ईरानी महिला खिलाड़ियों ने अपनी कामयाबी से साबित किया कि हेजाब तरक़्क़ी में रुकावट नहीं
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दीने इस्लाम और मानवीय गरिमा की रक्षा के संघर्ष का नाम है कर्बला, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / कर्बला की लड़ाई आज भी जारी है। हमें बस इतना करना है कि अशूरा के इतिहास के किस अध्याय में और कर्बला की किस पंक्ति में हम खड़े हैं।
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मजालिसे हुसैन (अ.स.) शोहदा ए कर्बला की सीरत शिक्षाओं को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा साधन है: मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / हमारे युवाओं को कर्बला के शहीदों के जीवन में अपने लिए एक व्यावहारिक उदाहरण खोजने की जरूरत है।
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ग़दीर नारों का नाम नहीं अमल का नाम है, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / ग़दीर नारों का नहीं अमल का नाम है, ग़दीर नारों से ज़्यादा हमसे अमल चाहता है, अगर हमारे नारों और अमल में विरोधाभास है तो हम ग़दीरी कहलाने के लायक नहीं हैं....!
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करोना कॉल के दिनों में जरूरतमंदों की मदद के लिए रोज़ाये इमाम रज़ा (अ.स.) द्वारा सराहनीय पहेल,आयातुल्ला अलवी गुर्गनी
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा अलवी गुर्गनी ने कहां कोरोनावायरस के दिनों में आस्थाने कुद्स रिज़वी के कदम और गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा और इस संबंध में उनके निर्देशों के संबंध में अस्थान कुद्स रिज़वी के ट्रस्टी का विशेष ध्यान की सराहना की हैं।
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इमाम खुमैनी एक जिंदा हक़ीक़त है
हौज़ा / हजरत आयतुल्लाह इमाम खुमैनी के विचारों और दष्टिकोण के उपयोग के बिना मुस्लिम देश और समाज का विकास असंभव है।
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इस्लामी जगत "पवित्र रमजान" के महीने को रसूल और आले रसूल के जीवन और शिक्षाओं के मॉडल के रूप में बिताए, मौलाना तक़ी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / रमजान का महीना खुदावंदे आलम ने साहेबाने इमान के लिए सआदत की कुंजी करार दिया है। यह वह मुबारक महीना है जो क़ुरबे खुदा का कारण है। यह महीना न केवल भूख और प्यास सहन करने का महीना नही है, बल्कि आत्म-जवाबदेही और आत्म-शुद्धि का भी महीना है। यह महीना समाज में सुधार, इबादत, बंदगी और पवित्र कुरान की तिलावत करने का महीना है।
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अहलेबैत (अ.स.) फाउंडेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्षः
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में, मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने का अजेय चक्र जारी है
हौजा / अभि मलऊन वसीम जैसे शापित व्यक्ति द्वारा घमासान शांत नही हुआ कि उदास मानसिकता के मालिक नरसिंहनंद सरस्वती ने अपने भ्रम में इस्लाम के एक और स्तंभ को ध्वस्त करने की कोशिश मे हजरत मोहम्मद साहब का असहनीय अपमान का अपराध कर बैठा।
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बेअस्त मानवता की दुनिया पर अल्लाह की एक खास दया और इनायत का नाम है. मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा /पैगंबरों के बेअस्त का मकसद खुदा इंसान और ब्रह्मांड के बीच संबंध स्थापित करना था, मगर रसूल अल्लाह( स.ल.व.व.) की बेअस्त का मकसद तौहीद की तरफ दावत देना, लोगों को खुशखबरी और अल्लाह के एतबार से जिंदगी गुजारने का सही तरीका ,शिक्षा और लोगों की शुद्धि के अनुसार जीने के लिए मार्गदर्शन करना, धर्म का पालन कराना और खुदा की इबादत करने का अपना तरीका बना लेना।
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अहलेबैत (अ.स.) फाउंडेशन हिन्दुस्तान के उपाध्यक्षः
समाज में इस्लामी शिक्षाओं को बढ़ावा देने से ही आत्महत्या को कम किया जा सकता है: मौलाना तक़ी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / सामाजिक बुराइयों की रोकथाम के लिए सरकार के साथ-साथ माता-पिता और धर्मगुरुओं की ज़िम्मेदारी है कि दहेज की माँग को रोकने और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए ठोस कदम ख़ासकर इस संबंध में जवानो का मार्गदर्शन और शीघ्र अदालती कार्रवाई एक सामूहिक ज़िम्मेदारी है, ।
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दो नेताओं की भेट "मुलाक़ात" भविष्य के भविष्यवक्ता, मौलाना ताक़ी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / यदि वर्तमान युग के ईसाई, क्लिसाई (चर्च की) प्रणाली का पालन करने के बजाय, हज़रत ईसा की शिक्षाओं का पालन करते हैं और कुरान और बाइबिल (इस्लाम और ईसाई धर्म) की सामान्यताओं पर एकजुट हो जाऐे, तो न यह कि वर्तमान युग मे मानवीय मामलों में सुधार करने और मानवता के उद्धारकर्ता के प्रकट होने (ज़हूर के) लिए मार्ग प्रशस्त करने में भी मदद बल्कि इस्लाम और ईसाई धर्म की निकटता अधिक सुंदर और आकर्षक हो सकती है।