۲۵ آبان ۱۴۰۳
|۱۳ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 15, 2024
मौलाना साजिद मोहम्मद
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अज़ा-ए-फ़ातेमिया: जनाब-ए-फ़ातिमा ज़हरा की मज़लूमियत की याद
हौज़ा/ जनाब-ए-फ़ातमा ज़हरा (स.) ने अपनी वसीयत में इमाम अली (अ.) से फ़रमाया कि मुझे रात में दफ़न करना ताकि ज़ालिमों को मेरी तद्फीन में हिस्सा न मिले। आपकी क़ब्र आज भी दुनिया से छुपी हुई है, जो आपकी मज़लूमियत का सबूत है।