हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, क़ुम अल मुक़द्देसा मे रहने वाले भारतीय शिया धर्मगुरू, कुरआन और हदीस के रिसर्चर मौलाना सय्यद साजिद रज़वी से हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के पत्रकार ने हफ़्ता ए वहदत के अवसर पर वहदत के विषय पर विशेष इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू को अपने प्रिय पाठको के लिए प्रस्तुत किया जा रहा हैः
हौज़ा न्यूज़: हफ़्ता-ए-वहदत मनाने का असल मक़सद क्या है?
मौलाना साजिद रज़वीः हफ़्ता-ए-वहदत का मक़सद ये है कि मुसलमान अपने फ़िरक़ों और मज़हबी तफ़रक़ों को पीछे छोड़कर एक उम्मत बनें। कुरआन कहता है: "وَاعْتَصِمُوا بِحَبْلِ اللّٰہِ جَمِيعًا وَلا تَفَرَّقُوا" यानी सब मिलकर अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़ो और तफ़रक़ा मत डालो।
हौज़ा न्यूज़: वर्तमान समय मे वहदत क्यों ज़रूरी है?
मौलाना साजिद रज़वीः क्योंकि मुसलमान पूरी दुनिया में सियासी, इक़तिसादी और तहज़ीबी दबावों में हैं। अगर हम बंटे रहे तो दुश्मन फ़ायदा उठाएगा, लेकिन अगर हम एक हुए तो हमारी ताक़त कई गुना बढ़ जाएगी।
हौज़ा न्यूज़: वहदत-ए-मुस्लिमीन से उम्मत को क्या फ़ायदे होंगे?
मौलाना साजिद रज़वीः उम्मत की इज़्ज़त और वक़ार बढ़ेगा, दुश्मन ताक़तें हमें तोड़ नहीं पाएंगी, इल्मी, तालीमी और तहज़ीबी तरक़्क़ी होगी, मसाइल (फिलिस्तीन, या जहां भी इंसानियत पर ज़ुल्म हो रहा है) हल करने में आसानी होगी।
हौज़ा न्यूज़: वहदत के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावटें क्या हैं?
मौलाना साजिद रज़वीः फ़िरक़ापरस्ती और तंग-नज़री, कम इल्मी और जाहिलाना सोच, सियासी मफ़ादात के लिए मुसलमानों में नफ़रत फैलाना, दुश्मनों का प्रोपेगैंडा और सोशल मीडिया का ग़लत इस्तेमाल इत्यादि वहदत के रास्ते मे सबसे बड़ी रूकावटें है।
हौज़ा न्यूज़: मुसलमानों में वहदत बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
मौलाना साजिद रज़वीः एक-दूसरे के मसलक का एहतराम करें, एक-दूसरे की मस्जिदों और मजलिसों का दौरा करें, अहले-सुन्नत और शिया आलिम मिलकर कॉन्फ़्रेंस करें, मीडिया और सोशल मीडिया पर नफ़रत की जगह मोहब्बत का पैग़ाम फैलाने से ङी वहदत को बढ़ावा मिलेगा।
हौज़ा न्यूज़: वहदत-ए-मुस्लिमीन का संबंध मज़हबी है या सियासी भी है?
मौलाना साजिद रज़वीः मुसलमानो के बीच वहदत का संबंध मज़हबी एतबार से हम सब एक ख़ुदा, एक क़ुरआन और एक नबी को मानते हैं। सियासी एतबार से हम अगर मुत्तहिद हों तो दुनिया की बड़ी ताक़तों का मुक़ाबला कर सकते हैं। लिहाज़ा कहा जा सकता है कि वहदत का संबंध न केवल मज़हबी है और ना ही सियासी बल्कि इसका संबंध मज़हब और सियासत दोनो से है।
हौज़ा न्यूज़: आम मुसलमान वहदत में कैसे किरदार अदा कर सकता है?
मौलाना साजिद रज़वीः देखिए वहदत मे किरदार अदा करना जितना आसान है उतना ही सख़्त भी है, ऐसी बाते ना करें जो लोगो के बीच नफ़रत पैदा करें बल्कि ऐसी बाते करे जो मुहब्बत का पैगाम देती हो, सोशल मीडिया पर फ़साद न फैलाए, दूसरे मुसलमान भाई को अपने जैसा समझे और बच्चों को शुरू से ही वहदत और मोहब्बत का पाठ पढ़ाऐं।
हौज़ा न्यूज़: अगर मुसलमान मुत्तहिद हो जाएँ तो दुनिया पर क्या असर पड़ेगा?
मौलाना साजिद रज़वीः अगर मुसलमान मुत्तहिद हो जाएँ तो पूरी दुनिया में इंसाफ़ और अमन क़ायम हो सकता है। कोई ताक़त हमारे ख़िलाफ़ खड़ी नहीं हो सकती।
हौज़ा न्यूज़ः अंत मे उम्मत ए मुस्लेमा का क्या संदेश देना चाहेंगें और इसी के साथ हम हौज़ा न्यूज़ की ओर से आपका शुक्रिया करते है कि आपने अपना बहूमूल्य समय दिया
मौलाना साजिद रज़वीः हम भी हौज़ा न्यूज़ के आभारी है कि इस योग्य समझा और इसी के साथ हम अपने मुसलमान भाईयो से यही कहना देना चाहेंगे कि हमे फ़िरकावराना सोच को छोड़ कर दुशमन के सामने एक हो जाने मे भी फ़ायदा है।
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