रईसुल वाएज़ीन मौलाना कर्रार हुसैन
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इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहे राजेऊनः
दु: खद समाचार इब्ने अली वाइज़ के स्वर्गवास से विद्वानों मे शोक
हौज़ा / मुदीर वा मुदब्बिर, मुफक्किर वा मुताफक्किर, उस्ताज़ुल असातेज़ा, उस्ताज़ुश्शोरा, नजमुल वाएज़ीन, उर्दू फारसी और अरबी के शायर, उर्दू फारसी और अरबी अदब के माहिर, आलिमे तारीख कलाम और फ़लसफा, रिजाल ओ तफ़सीर, फ़िक्हो उसूल आलीजनाब मौलाना इब्ने हसन वाइज़, पूर्व प्रधानाचार्य तंज़ीमुल मकातिब लखनऊ का आज दिल्ली मे अस्पताल मे देहांत हो गया।
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रईसुल वाएज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैनः
ग़दीर हमारी पहचान है
हौज़ा / जंगल की आग शायद इतनी तेजी से न फैली हो जितनी कि ग़दीर की घटना और ख़िलाफ़ते अली इब्न अबी तालिब (अ.स.) की घोषणा एक शहर से दूसरे शहर में फैल गई और लोगों तक पहुँच गई ... अल्लाह और उसके रसूल ने इस वाक़ेए पर जोर दिया और उसे आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने उत्साहपूर्वक दुनिया के सामने पेश फ़रमाया कि हाजेरीन बज़्मे ग़दीर सहाबा और हुज्जाज को उल्लेख किए बिना ना चैन मिल सकता था और ना शांति मिल सकती थी, उनका दिमाग घूम रहा था और उनके पेट में ऐंठन हो रही थी। ग़दीर की इस घोषणा के सिलसिले में, जिस सभा पर आश्चर्यों का पहाड़ गिरा है और जो सभा तीन दिन से अधिक समय से प्रशंसा की नदी में डूबी हुई है, वह चुप कैसे रह सकती है...?