हौज़ा/ अगर रोज़ा रखना काम करने में रुकावट बने, जबकि रोज़गार और ख़र्चों का दारोमदार इसी काम पर हो, मसलन इतनी कमज़ोरी हो जाए कि काम करने की ताकत न रहे, या भूख और प्यास हद से ज़्यादा हो जाए, तो...
हौज़ा / इमाम मूसा काज़िम (अ) ने रजब के महीने में रोज़े रखने का सवाब एक रिवायत में बयान किया है।