हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "मन ला यहज़ुर अल-फ़क़ीह" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الکاظم علیه السلام:
رَجَبٌ نَهرٌ فِي الجَنَّةِ أَشَدُّ بَياضا مِنَ اللَّبَنِ وَأَحلَى مِنَ العَسَلِ، مَن صامَ يَوما مِن رَجَبٍ سَقاهُ اللّهُ مِن ذَلِكَ النَّهرِ
इमाम मूसा काज़िम (अ) ने फ़रमाया:
रजब, जन्नत में एक नदी है जो दूध से अधिक सफ़ेद और शहद से अधिक मीठी है। जो कोई रजब के महीने में रोज़ा रखेगा, अल्लाह तआला उसे इस नदी से पानी पिलाएगा।
मन ला यहज़ुर अल-फ़क़ीह: भाग 2, पेज 92, हदीस 1821
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