हौज़ा / मौलाना सय्यद ग़ाफ़िर रिज़वी ने शबे क़द्र के फ़ज़ीलत के बारे में बताते हुए कहा,शबे क़द्र वह रात है जिसकी तुलना क़यामत तक कोई भी रात नहीं कर सकती और न ही कोई रात इस रात का स्थान ले सकती…
हौज़ा / तेईसवीं की रात को अल्लाह तआला जो भी चाहता है वह पूरा होता है। यह शबे क़द्र है जिसके बारे में अल्लाह तआला ने फ़रमाया: (यह रात हज़ार महीनों से बेहतर है)।
हौज़ा / हरम-ए हज़रत मासूमा स.अ.में शब-ए-क़द्र की रातों के विशेष समारोह आयोजित किया जाएंगा जिनमें दुआ-ए जौशन-ए कबीर की क़िराअत विभिन्न उलेमा-ए किराम के ख़ुतबात और आमाल शामिल है यह कार्यक्रम शबिस्तान-ए…