۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
शरई मसाईल में दिलचस्पी
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शरई अहकाम:
अगर रुकू में सजदे का ज़िक्र पढ़े और सजदे में रूकू का ज़िक्र पढ़े तो क्या नमाज़ सही है?
हौज़ा / एहतियाते वाजिब की बिना पर (अमदन) जानबूझकर ऐसा करना जायज़ नहीं है अगर (सहव्न) भूल कर पड़े तो नमाज़ सही हैं।
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शरई अहकाम:
मर्द का औरत के जैसा बनना और औरत का मर्द के जैसा बनना कैसा है?
हौज़ा/मर्द का औरत के जैसा बनना,और औरत का मर्द के जैसा बनना एहतियाते लाज़िम की बेना पर हराम हैं और उस से मुराद यह है की एक दूसरे की सूरत अख्तियार करना और मर्द का औरत के लिबास (कपड़े) और औरत का मर्द वाले कपड़े पहनना हैं।
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शरई अहकामः
भविष्य के लिए खरीदे गए कपड़ों पर ख़ुम्स
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने भविष्य के लिए खरीदे गए कपड़ो पर ख़ुम्स से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।