۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / एहतियाते वाजिब की बिना पर (अमदन) जानबूझकर ऐसा करना जायज़ नहीं है अगर (सहव्न) भूल कर पड़े तो नमाज़ सही हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: अगर रुकू में सजदे का ज़िक्र पढ़े और सजदे में रूकू का ज़िक्र पढ़े तो क्या नमाज़ सही है?

जवाब : एहतियाते वाजिब की बिना पर (अमदन) जानबूझकर ऐसा करना जायज़ नहीं है अगर (सहव्न) भूल कर पड़े तो नमाज़ सही है।

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