۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/मर्द का औरत के जैसा बनना,और औरत का मर्द के जैसा बनना एहतियाते लाज़िम की बेना पर हराम हैं और उस से मुराद यह है की एक दूसरे की सूरत अख्तियार करना और मर्द का औरत के लिबास (कपड़े) और औरत का मर्द वाले कपड़े पहनना हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:मर्द का औरत के जैसा बनना और औरत का मर्द के जैसा बनना कैसा है?

उत्तर:मर्द का औरत के जैसा बनना,और औरत का मर्द के जैसा बनना एहतियाते लाज़िम की बेना  पर हराम हैं और उस से मुराद यह है की एक दूसरे की सूरत अख्तियार करना और मर्द का औरत के लिबास (कपड़े) और औरत का मर्द वाले कपड़े पहनना हैं।

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