۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
सूर ए नेसा की तफसीर
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
पश्चाताप ईश्वर की दया का द्वार
हौज़ा/ यह आयत लोगों को अल्लाह की ओर मुड़ने और अपनी गलतियों को तुरंत स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसमें अल्लाह की असीम दया का जिक्र है जो इंसानों के लिए हमेशा मौजूद रहती है, लेकिन यह भी बताती है कि पश्चाताप की स्वीकृति व्यक्ति की ईमानदारी और पश्चाताप करने की तत्परता पर निर्भर करती है।