हौज़ा / बहस सिर्फ़ भाषा की समझ का टेस्ट नहीं है, बल्कि सोच की मैच्योरिटी का टेस्ट है, और यह टेस्ट सिर्फ़ वही दे सकता है जिसके दिल और दिमाग में अल्लाह एक साफ़, पवित्र और अनलिमिटेड सच्चाई के तौर…