हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने वाअज़ व नसीहत की हक़ीक़त बयान करते हुए कहा कि जब तक किसी इंसान में दिलकश अदाज़ (आकर्षण) ना हो उसकी बातें असरदार नहीं हो सकतीं।
हौज़ा / इमाम सादिक अ.स.ने फरमाया,नाजायज़ नज़र (हराम नज़र) शैतान के तीरों में से एक तीर है यह नज़र इंसान के दिल और रूह को निशाना बनाती है और उसे आध्यात्मिक और नैतिक गंदगी में डाल सकती है। इसलिए…
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने क़ुम मुक़द्देसा में मुबल्लिग़ीन को नसीहत करते हुए फ़रमाया, रमज़ान मुबारक के महीने में जहाँ तक आपकी इस्तिताअत हो अल्लाह की रज़ा के लिए सफ़र करें हिजरत…
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवाद़ी आमुली ने कहां,यह ज़रूरी नहीं कि कोई खामी कब इंसान को रुसवा कर दे! बेहतर यही है कि हम पहले ही अपनी खामी को सुधार लें क्योंकि रास्ता हमारे लिए खुला है।