हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवाद़ी आमुली (4)
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आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली:
उलेमा और मराजा ए इकरामअसरदार बातचीत के लिए दिलकश अन्दाज़ ज़रूरी है
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमुली ने वाअज़ व नसीहत की हक़ीक़त बयान करते हुए कहा कि जब तक किसी इंसान में दिलकश अदाज़ (आकर्षण) ना हो उसकी बातें असरदार नहीं हो सकतीं।
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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली:
उलेमा और मराजा ए इकरामहराम निगाहे कैसे दिल को निशाना बनाती है
हौज़ा / इमाम सादिक अ.स.ने फरमाया,नाजायज़ नज़र (हराम नज़र) शैतान के तीरों में से एक तीर है यह नज़र इंसान के दिल और रूह को निशाना बनाती है और उसे आध्यात्मिक और नैतिक गंदगी में डाल सकती है। इसलिए…
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उलेमा और मराजा ए इकरामरमज़ान के पवित्र महीने में कोई भी गाँव आलिम ए दीन से खाली न रहेः आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमोली ने क़ुम मुक़द्देसा में मुबल्लिग़ीन को नसीहत करते हुए फ़रमाया, रमज़ान मुबारक के महीने में जहाँ तक आपकी इस्तिताअत हो अल्लाह की रज़ा के लिए सफ़र करें हिजरत…
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आयतुल्लाहिल उज़मा जवाद़ी आमुली:
उलेमा और मराजा ए इकरामरुसवा होने से पहले अपने अएब की इस्लाह करें!
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवाद़ी आमुली ने कहां,यह ज़रूरी नहीं कि कोई खामी कब इंसान को रुसवा कर दे! बेहतर यही है कि हम पहले ही अपनी खामी को सुधार लें क्योंकि रास्ता हमारे लिए खुला है।