हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हज़रत इमाम सादिक अ.स.ने फरमाया,नाजायज़ नज़र (हराम नज़र) शैतान के तीरों में से एक तीर है यह नज़र इंसान के दिल और रूह को निशाना बनाती है और उसे आध्यात्मिक और नैतिक गंदगी में डाल सकती है। इसलिए नाजायज़ नज़र से बचना बेहद ज़रूरी है।
हज़रत इमाम सादिक अ.स.का कहना है कि नाजायज़ नज़र शैतान का एक हथियार है जो इंसान के दिल को घायल करता है और उसे गुनाह की तरफ धकेलता है। यह नज़र इंसान के अंदर बुरी ख़्वाहिशात पैदा करती है और उसे आध्यात्मिक पतन की ओर ले जाती है। इसलिए इंसान को चाहिए कि वह अपनी नज़रों को बचाए और उन चीज़ों को न देखे जो उसके लिए हराम हैं।
आयतुल्लाह जवादी आमली के अनुसार, ना जायज़ नज़र से बचने के लिए इंसान को अपने नफ्स (अपने आप) को संयमित करना चाहिए और तज़किया-ए-नफ्स पर काम करना चाहिए। यहां तक कि दूसरों के पत्र, लेख और रहस्यों को देखने से भी बचना चाहिए इमाम सादिक (अ.स.) ने यह भी कहा है कि रमज़ान के पवित्र महीने में हर उस चीज़ को देखने से बचना चाहिए जो हलाल नहीं है।
इसलिए नाजायज़ नज़र से बचना और अपने दिल और रूह को साफ़ रखना हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है इससे इंसान की आध्यात्मिक तरक्की होती है और वह शैतान के फंदे से बच सकता है।
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