हरम ए हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम
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चिंतन और विचार का नाम इबादत है हुज्जतुल इस्लाम डॉ. अली रेज़ाई इस्फ़हानी
हौज़ा / मदरसा इल्मिया अलवी कुम ईरान 8 रबी अल सानी विलादात ए हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के अवसर पर मदरसा इल्मिया अल्वी मे महफिल का आयोजन किया गया जिसमें हिंदुस्तान, पाकिस्तान और ईरान के अनेकों विद्वानों, उपदेशकों, कवियों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
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हरम ए इमाम हुसैन अ.स.मरकज़ी इत्तेहाद; विभिन्न विचारधाराओं के अनुयायियों ने एक साथ नमाज़ आदा / फोटो
हौज़ा / हरम ए हज़रत इमाम हुसैन अ.स.में हज़रत आयतुल्लाहिल सैयद अली सिस्तानी के प्रतिनिधि के नेतृत्व में विभिन्न मज़ाहीब के लोग़ो ने नमाज़ आदा की।
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आशूर के दिन न्यूयॉर्क लब्बैक या हुसैन के नारों से गुंजा
हौज़ा / आशूरा के दिन न्यूयॉर्क में बड़ी संख्या में आज़ादर एकत्रित हुए लब्बैक या हुसैन के नारों के साथ जुलूस निकाला और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की।
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दिन की हदीस:
अहले मस्जिद का मकाम
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अहले मस्जिद के मकाम व मंजिलात के बारे में बयान फरमाया हैं।
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हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम अ.स. की विलादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा /हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम आप इमाम अली अलैहिस्सलाम और हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ के बेटे और पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. के नवासे हैं,आप की विलादत 15 रमज़ान सन 3 हिजरी शहरे मदीना में हुई और आप की विलादत के बाद पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. ने आप को गोद में लेकर आप के कान में अज़ान और अक़ामत कही और फिर आप का अक़ीक़ा किया।
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हरम ए हज़रत अब्बास अ.स.का विकास परियोजना एक नए चरण में प्रवेश कर गया हैं।
हौज़ा/कर्बाल ए मोआल्ला में हज़रत अब्बास अ.स. के हरम मुबारक के विकास योजना अब दक्षिणी और पूर्वी किनारों के बाद एक नए चरण में प्रवेश कर गया है और हरम के उत्तरी हिस्से में नियमित आधार पर विकास कार्य शुरू हो गया हैं।
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हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को याद करके निकल गया जुलूस
हौज़ा/बरारी स्थित इमामबाड़ा से शिया समुदाय ने अलम व तबूत का जुलूस रात 8:30 बजे निकाला जुलूस में बड़ी संख्या में मोमनिन समुदाय के लोग शामिल थे लोग हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर गमगीन थे और नौहा व मातम किए
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हज़रत इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में शामे ग़रीबां की मजलिस आयोजित की गई/फोटों
हौज़ा/तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अहले हरम की शामे ग़रीबां की मजलिस आयोजित हुई।
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आशूरा का पैग़ाम, ख़ुद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़बानी
हौज़ा/हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का कर्बला में आकर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का कारण इस्लामी समाज में पैदा की गई वह गुमराहियां और बिदअतें थीं जिसकी बुनियाद सक़ीफ़ा में रखी गई थी,सन 40 हिजरी के बाद से हुकूमत जब बनी उमय्या के पास आई उस समय से लेकर 20 साल तक बनी उमय्या ने दीन का ऐसा मज़ाक़ बनाया कि उसकी तस्वीर ही बदलकर रख दी, हद तो तब हुई जब बनी उमय्या ने यज़ीद जैसे काफ़िर शैतान को हुकूमत के लिए चुन लिया, जिसके बाद गुमराही, बिदअतें और इस्लामी क़ानून का मज़ाक़ खुले आम उड़ाया जाने लगा, ऐसा लग रहा था जैसे जेहालत का दौर इस्लाम का रूप धारण कर वापस आ गया हो।
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हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को अल्लाह तआला ने तीन महान मुकाम अता किया हैं,
हौज़ा/हज़रत इमाम मुहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के तीन महान मुकाम की ओर इशारा किया हैं।
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हरम ए हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम में आशूरा के लिए तैयारी
हौज़ा/इराकी आंतरिक मंत्रालय ने आशूरा ज़ायरीन की पूर्व संध्या पर सुरक्षा स्थिति को मज़बूत करने और कर्बला कि अधिक सुरक्षा के लिए सहायता बलों को भेजने की घोषणा की हैं।