۲۴ شهریور ۱۴۰۳ |۱۰ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 14, 2024
या हुसैन

हौज़ा / आशूरा के दिन न्यूयॉर्क में बड़ी संख्या में आज़ादर एकत्रित हुए लब्बैक या हुसैन के नारों के साथ जुलूस निकाला और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आशूरा के दिन न्यूयॉर्क में बड़ी संख्या में आज़ादर एकत्रित हुए लब्बैक या हुसैन के नारों के साथ जुलूस निकाला और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश की।

इस साल, अमेरिका में ईरान, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, भारत और   बांग्लादेश सहित विभिन्न देशों के मुसलमान शहीदे कर्बला हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को श्रद्धांजलि पेश करते हुए हुसैन डे मनाने के लिए न्यूयार्क के मैनहन शहर की सड़कों पर उतरे और उन्होने हज़रत इमाम हुसैन और उनके वफ़ादार साथियों को भावभीन श्रद्धांजलि पेश की हैं।

पैग़म्बरे इस्लाम स.ल. के परिजन और प्राणप्रिय नाती हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाने वाले अज़ादार और श्रद्धालु मुसलमानों ने, न्यूयॉर्क के मैनहटन की सड़कों पर दोपहर की नमाज़ अदा करने के बाद विभिन्न अन्जुमनों की शक्ल में दुनिया की अलग अलग भाषाओं में कर्बला के शहीदों और हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के वफ़ादार साथियों का शोक मनाया।

भीषण गर्मी और गर्म मौसम के बावजूद अधिकांश परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ मैनहटन के इस कार्यक्रम में शामिल हुए ताकि पश्चिम के भौतिकवादी माहौल में डूबे हुए लोगों को हज़रत इमाम हुसैन और उनके वफ़ादार साथियों के नज़रिए और उनकी शिक्षाओं को क़रीब से अवगत कराया जाए।

इस कार्यक्रम में शामिल लोग मुहर्रम महीने की प्राचीन परंपराओं का पालन करते हुए मैनहटन की सड़कों से गुज़रने वालों को जूस, शरबत, ठंडे पानी की बोतल, खाने, स्नैक्स आदि भी बांट रहे थे।

कुछ हुसैनी अज़ादार आने जाने वालों गुलाब के फूल देकर कर्बला की हृदय विदारक घटना और इमाम हुसैन के आंदोलन के मक़सद और लक्ष्य के बारे में राहगीरों और अन्य धर्मों के अनुयायियों को बता रहे थे।

"हुसैन-डे" कार्यक्रम में भाग लेने के अलावा, न्यूयॉर्क में मुसलमान इस शहर की विभिन्न मस्जिदों में भी जाते हैं और शोक तथा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की शहादत और हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के आंदोलन को याद करते हैं।

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