۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
जामा मस्जिद

हौज़ा / शाही इमाम ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जामा मस्जिद की मरम्मत पहले भी करवाई है। उन्होंने कहा कि मस्जिद को तत्काल मरम्त की जरूरत है। अगर पीएम मोदी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को निरीक्षण का आदेश देते हैं तो मैं आभारी रहूंगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र से गुजारिश की है कि वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को यह निर्देश दें कि वह जामा मस्जिद का निरीक्षण करे और जरूरी मरम्मत करवायें।

गौरतलब है कि शुक्रवार को आयी आंधी- बारिश में 17वीं शताब्दी की मस्जिद की मीनार क्षतिग्रस्त हो गयी थी, जिसके बाद रविवार को शाही इमाम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध दिल्ली की जामा मस्जिद को मरम्मत की सख्त जरूरत है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मस्जिद के कई पत्थर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं और अकसर गिरते रहते हैं। शुक्रवार को जब मीनार से पत्थर गिरे तो तालाबंदी के कारण कोई दुर्घटना नहीं हुई।

दिल्ली की जामा मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1656 में करवाया था। लेकिन यह मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित स्मारक नहीं है।

शाही इमाम ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जामा मस्जिद की मरम्मत पहले भी करवाई है।उन्होंने कहा कि मस्जिद को तत्काल मरम्त की जरूरत है। अगर पीएम मोदी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को निरीक्षण का आदेश देते हैं तो मैं आभारी रहूंगा।

हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में बुखारी ने कहा कि लगभग 50 वर्षों से मीनारों के संरक्षण कार्य नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा मस्जिद का निरीक्षण करना जरूरी है ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। बुखारी ने कहा कि मरम्मत का काम कभी-कभार किया जाता है, लेकिन जरूरत के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा मस्जिद का निरीक्षण करना जरूरी है।

गौरतलब है कि मस्जिद के रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास है। लेकिन शाही इमाम ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस ऐतिहासिक मस्जिद के मरम्मत की मांग की है। हालांकि अभी पीएम मोदी की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।

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