हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार श्रीनगर/इस्लामिक विद्वान इमाम जुमा आगा सैयद आबिद हुसैन हुसैनी ने सेना और पुलिस द्वारा अजादारो पर की गई हिंसा की निंदा की और एक ट्वीट में कहा कि अज़ादार अपमान के जीवन की जगह सम्मान की मृत्यु को प्राथमिकता दें और वर्तमान युग के यज़ीदवाद को उजागर करके परोपकार का उपदेश दें, हमें उन नौजवानों पर गर्व है जिनके घाव सैयदा कोनेन द्वारा ठीक किए जाएंगे, क्योंकि उन्होंने उत्पीड़कों पर अत्याचार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी।
मौलाना ने जोर देकर कहा कि यह अन्याय होगा यदि हमारे विद्वान, बुद्धिजीवी, उपदेशक, ज़ाकेरीन और नेता इस दमन पर चुप रहेंगे और यह अत्याचार बहुत बड़ा होगा यदि हमारे निहत्थे उत्पीड़ित अज़ादारो को सलाखों के पीछे धकेल दिया जाए। इसका पालन करना हम सभी का कर्तव्य है कर्बला से ज़ुल्म की शिक्षा और ज़ुल्म के खिलाफ़ आवाज़ उठाना कि कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन और धार्मिक आज़ादी के साथ-साथ हर तरह के अत्याचार हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अज़ादारी के जुलूस पर 30 साल के लिए रोक लगाई गई है, जबकि इस साल प्रशासन ने जुलूस पर रोक नहीं लगाने की घोषणा की थी। दर्जनों अजादारी करने वालों को सलाखों के पीछे धकेल दिया गया है।