सोमवार 22 नवंबर 2021 - 07:38
हौज़ा ए इल्मिया नजफ अशरफ दुनिया के हौज़ात की मां का दर्जा रखता है।आयतुल्लाहिल उज़्मा अलहाज हाफिज़ बशीर हुसैन नजफी

हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा अलहाज हाफिज़ बशीर हुसैन नजफी ने शिक्षा और हौज़ाये इल्मिया नजफ अशरफ की अहमियत पर बात करते हुए कहा कि हौज़ाये इल्मिया नजफ अशरफ दुनिया के हौज़ाये इल्मिया की मां का दर्जा रखती है, इसी से निकलकर पूरी दुनिया के हौज़े वजूद में आए यह कहा जाए कि सारी दुनिया के हौज़े इसकी शाखाएं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा अलहाज हाफिज़ बशीर हुसैन नजफी ने अपने कार्यालय नजफ अशरफ में
मोवससासा अलज़हेरा के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए अपने पैतृक सलाह और निश्चित रूप से इरादों में इराक के महत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि इराक में इमामें ज़माना अलैहिस्सलाम की हुकूमत एक मुंसिफ आना अदालत होगी, और फिर यहीं से पूरी दुनिया के कोने कोने में इंसाफ फैलाया जाएगा नजफ अशरफ की मुकद्दस ज़मीन और मस्जिदे कुफा इस अज़ीम चीज़ की गवाही देगी,


हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा अलहाज हाफिज़ बशीर हुसैन नजफी ने शिक्षा और हौज़ाये इल्मिया नजफ अशरफ की अहमियत पर बात करते हुए कहा कि हौज़ाये इल्मिया नजफ अशरफ दुनिया के हौज़ाये इल्मिया की मां का दर्जा रखती है, इसी से निकलकर पूरी दुनिया के हौज़े वजूद में आए यह कहा जाए कि सारी दुनिया के हौज़े इसकी शाखाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा दो तरह के हैं दीनी शिक्षा जिसकी ज़िम्मेदारी हौज़ाये इल्मिया मैं अपने कंधों पर उठा रखी है ताकि इस शिक्षा के ज़रिए लोगों की इसलाह हो सके, और अल्लाह ताला से करीब कर सके


दूसरा शिक्षा दुनियावी है कि जिसे दुनिया के स्कूलों कालेजों यूनिवर्सिटीओं में पढ़ाया जाता है, इस ज्ञान से जिस्म और बदन की भलाई होती है दोनों शिक्षा में से हर शिक्षा एक दूसरे से जुड़ा हुआ है अब दोनों एक दूसरे का मोहताज है,
उन्होंने कहा कि इराक को नए सिद्धांतों पर निर्मित किया जाना चाहिए और प्रत्येक क्षेत्र में, विशेष रूप से अकादमिक, आर्थिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में विकास सुनिश्चित करना चाहिए।

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